भारत को अपने लंबे इतिहास और उससे जुड़े स्मारकों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। लेकिन उसके लिए एक बुरी खबर है। भारत के कई स्मारक अब गायब हो चुके हैं। इसकी वजह है बढ़ता शहरीकरण और अतिक्रमण।
देश में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद से लगभग 15 लाख लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं। इसका खुलासा सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) के एक सर्वे में किया गया है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर जातिगत टिप्पणी को लेकर हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है। अब सोशल मीडिया पर इन समुदायों के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी करना अपराध माना जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी 25 जून को अमेरिका पहुंचेंगे, अगले ही दिन यानी 26 को उनकी और अमेरीकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात होगी। गौरतलब है कि दोनों के बीच यह पहली औपचारिक मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से कहा कि देश में सभी प्रकार के जाति आधारित आरक्षण बंद होने चाहिए। उन्होंने इसे देश के लिए एक अभिशाप बताया है।
नक्सलियों का गढ़ और दुर्गम वन्य क्षेत्र माने जाने वाले छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ पर सरकार की रणनीति तैयार हो रही है। सरकार और प्रशासन से अछूते रहे इस इलाके में सरकार ने अब सर्वे कराना शुरू कर दिया है।