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छोरे से कम नहीं ये ‘दंगल’ करने वाली छोरियां
किसी फिल्म को देखने के लिए सबसे पहले सवाल आता है कि इस फिल्म को क्यों देखना चाहिए। अगर दंगल के बारे में भी यही प्रश्न मन में है तो इसे इसलिए देखना चाहिए कि यह एक विश्वसनीय फिल्म है, किरदारों से लेकर लोकेशन तक, अभिनय से लेकर भावनाओं तक। यह कहानी गीता-बबीता से ज्यादा महावीर सिंह फोगाट की कहानी है।