विवेक मिश्र को साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित उनकी कहानी ‘और गिलहरियां बैठ गईं’ के लिए अठारहवें रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कहानी फिल्म विद्या बालन के करिअर की अभी तक की फिल्मों में उम्दा फिल्म है। अब उसी सफलता को लेकर कहानी 2 आई है। कहानी 2 का कहानी फिल्म से कोई कनेक्शन नहीं है। कहानी भी सस्पेंस फिल्म थी और कहानी 2 भी शानदार थ्रिलर है। कहानी की तरह ही कहानी 2 पर भी निर्देशक सुजॉय घोष ने पकड़ ढीली नहीं पड़ने दी है।
कहानी फिल्म के निर्देशक सुजॉय घोष की 14 मिनट की शॉर्ट फिल्म अहिल्या की धूम मची हुई है। यू ट्यूब पर इसके लाखों लाइक्स और शेयर हैं। मात्र 14 मिनट की अवधि में सुजॉय ने ऐसा क्या रच दिया कि लोग इतने दीवाने हो गए हैं।
यह तो तय है कि फिल्मकार पुरानी जड़ों की ओर लौट रहे हैं। 60-70 के दशक की ‘परंपराएं’ और ‘संस्कार’ उन्हें लुभा रहे हैं। हमारी अधूरी कहानी इस बात के प्रमाण देती है। एक प्रेम कहानी को फिल्माने के हजारों तरीके होते हैं। फिर भी यह तरीके तयशुदा ही है। दो नायक एक नायिका वाला यह त्रिकोण भी ऐसा ही है।