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17 साल बाद नोकिया 3310 की वापसी, जानिए इसकी खास बातें

17 साल बाद नोकिया 3310 की वापसी, जानिए इसकी खास बातें

स्नैक वाला गेम याद है ना? तब नोकिया का 3310 भी याद ही होगा। 17 साल बाद नए लुक के साथ अब नोकिया 3310 मोबाइल सेट की वापसी हो गई है। आज नोकिया के राइट्स वाली कंपनी एचएमडी ग्लोबल ने इसे लॉन्च कर दिया है।
एक्ट्रेस राम्या बनीं कांग्रेस सोशल मीडिया प्रमुख, जानिए किन-किन विवादों से रहा इनका नाता

एक्ट्रेस राम्या बनीं कांग्रेस सोशल मीडिया प्रमुख, जानिए किन-किन विवादों से रहा इनका नाता

कन्नड़ अभिनेत्री राम्या को अब कांग्रेस सोशल मीडिया सेल का हेड बनाया गया है। राम्या अब कांग्रेस नेता दीपेन्द्र सिंह हुड्डा की जगह लेंगी।
एसबीआई का होम लोन सस्ता, जानिए कितनी होगी ईएमआई

एसबीआई का होम लोन सस्ता, जानिए कितनी होगी ईएमआई

भारतीय स्टेट बैंक ने होम लोन के ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की है। एसबीआई ने होम लोन पर ब्याज की दरें 0.1 फीसदी से 0.25 फीसदी तक घटा दी है।अब होम लोन पर ब्याज दर 8.60 फीसदी से कम होकर 8.35 फीसदी हो गया है।
पॉस्को कोर्ट से मिली गायत्री प्रजापति और उनके साथियों को जमानत

पॉस्को कोर्ट से मिली गायत्री प्रजापति और उनके साथियों को जमानत

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो अन्य साथियों को आज पॉस्को कोर्ट ने जमानत दे दी है। एक युवती ने प्रजापति और उनके दोनों साथियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था।
दूसरे राज्यों की मीट दुकानें भी निशानें पर

दूसरे राज्यों की मीट दुकानें भी निशानें पर

उत्तर प्रदेश में पशु वधशालाओं की कार्रवाई के बीच अन्य राज्य की मीट दुकानें भी सरकार के निशानें पर हैं। शिवसेना ने गुरुग्राम में जबरन मल्टीनेशनल फूड चेन केएफसी सहित मीट की 500 दुकानें बंद करा दी हैं।
जब बनाना हो बच्चों के लिए पौष्टिक खाना

जब बनाना हो बच्चों के लिए पौष्टिक खाना

खाना पकाना अच्छा लग सकता है। लेकिन जब बच्चों के लिए पकाना पड़े तो सरदर्दी हो जाती है। बच्चे किस पकवान पर नाक-भौं सिकोड़ देंगे कहा नहीं जा सकता। यदि कोई किताब मिल जाए जिसमें बच्चों की मनपसंद खाने की विधियां भी हों और यह पौष्टिक भी हो तो कैसा रहे।
छोटे शहर भाग जाना चाहते थे जावेद अख्तर

छोटे शहर भाग जाना चाहते थे जावेद अख्तर

सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके प्रसिद्ध गीतकार, पटकथाकार और कवि जावेद अख्तर ने एक समय किसी छोटे शहर भाग जाने और वहां किसी छद्म नाम के साथ रहने के बारे में सोचा था क्योंकि उन्हें लगा था कि वह अब और लेखन नहीं कर सकते।
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