Advertisement

Search Result : "kushan nandy"

जरा सा निशाना चूक गई बाबूमोशाय की बंदूक

जरा सा निशाना चूक गई बाबूमोशाय की बंदूक

बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म के शीर्षक से यह तो पता चल रहा है कि यह बंदूक की कहानी है। बंदूक होगी तो गोलियां भी होंगी, गोलियां होंगी तो गालियां खुद ब खुद चली आएंगी और खून...वह तो फैलेगा ही।
बाबूमोशाय से बिदिता को उम्मीद

बाबूमोशाय से बिदिता को उम्मीद

कोलकाता में पढ़ाई के दिनों में ही बिदिता बाग ने मॉडलिंग शुरू कर दी थी। ढेरों बांग्ला फिल्में कर चुकीं बिदिता हिन्दी में ‘फ्रॉम सिडनी विद लव’ और ‘एक्स-पास्ट इज प्रेजेंट’ में आ चुकी हैं। अब वह ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी की नायिका बन कर आ रही हैं।
नंदी बोले, स्मृति ईरानी आज के राष्‍ट्रवाद पर टैगोर को मिली जेल को सही ठहरा देतीं

नंदी बोले, स्मृति ईरानी आज के राष्‍ट्रवाद पर टैगोर को मिली जेल को सही ठहरा देतीं

राजनीतिक मनोविज्ञानी आशीष नंदी ने कहा है अगर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर आज के भारत में राष्ट्रवाद पर अपने विचार लिखतेे तो शायद उन्‍हें जेल भेज दिया जाता। और इसे मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सही भी ठहरा देतींं। नंदी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के पास योग्य लोगों की बेहद कमी है। वह संस्थानिक पदों पर पार्टी के बाहर के व्यक्ति की नियुक्ति कर कतई भी जोखिम नहीं लेना चाहती। मीडिया को दिए गए साक्षात्कार में नंदी ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल पर अनिच्छा जाहिर करना भाजपा सरकार में भरोसे की कमी को दिखाता है।
वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी प्रकाशन के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्स में ‘एथनोग्रफिक-हिस्ट्री-ऑफ-बुक्स बनाम कहानी-किताब-की’ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं में आशीष नंदी, मृणाल पांडे और अभय कुमार दूबे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वाणी के निदेशक अरुण महेश्वरी ने की। यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन के इक्क्यावनवें स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था।
Advertisement
Advertisement
Advertisement