अक्टूबर से मैजेंटा और पिंक लाइन्स पर चलने वाली पहली चालक रहित मेट्रो में ऑटोमेशन का स्तर काफी हाई होगा। पहले इसे ऑपरेटर्स की मदद से चलाया जाएगा और धीरे-धीरे इन्हें ऑटो मोड में शिफ्ट किया जाएगा।
महाराष्ट्र और पंजाब सरकार के बाद कर्नाटक सरकार ने भी किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की है।
किसानों के उग्र आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक के बाद एक राहत भरे फैसले ले रही है। राज्य सरकार ने कर्जमाफी के ऐलान के बाद किसानों को रुपये देने का फैसला किया है।
पशुओं की खरीदी-बिक्री को लेकर मोदी सरकार के आदेश को मेघालय की कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इस मामले के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है। वहीं, मेघालय के सीएम मुकुल संगमा ने मोदी सरकार की इस अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग की है। राज्य में यह मामला काफी गर्मा गया था।
हाल ही में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर एक ऐसे व्यक्ति का मामला सामने आया है,जिसने करीब 28 सालों में 38 हजार पेड़ लगा डाले हैं। तमिलनाडु निवासी और पर्यावरण प्रेमी योगनाथन के इस तरह के सराहनीय कार्य के बाद अब उनका नाम कक्षा 5वीं की किताब में शामिल किया जाएगा।
सरकार के 3 साल पूरे होने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में जानकारी दी। सुषमा ने कहा कि हमने पिछले 3 साल के दौरान विदेशों में फंसे 80 हजार भारतीयों को बचाया। साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि इस सरकार के समय में विश्व में हमारा प्रभुत्व बढ़ा है। प्रधानमंत्री की इमेज ग्लोबल लेवल पर मजबूत हुई है।
डब्ल्यूएचओ ने शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में मच्छर जनित जीका वायरस से जुड़े तीन मामलों के होने की पुष्टि की है। बताया गया कि इन तीन मामलों में एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में भाजपा नेता और हिंदूवादी संगठनों की गुंडागर्दी के दो मामले सामने आए हैं। एक मामले में बजरंग दल के लोगों पर दो युवकों की सरेआम पिटाई का आरोप है, जबकि दूसरा मामला भाजपा के सांसद से जुड़ा हुआ है। सासंद पर आरोप है कि उन्होंने एक शख्स के साथ मारपीट की है।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला आने के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं। एक तरफ जहां भारत इसे अपनी रणनीतिक जीत की तरह देख रहा है तो वहीं पाकिस्तान के द्वारा इस फैसले को मानने अथवा नहीं मानने पर भी संशय जारी है। ऐसे में उन घटनाओं की ओर ध्यान जाना लाजिमी है जब अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्णयों को अमल नहीं किया।