भारत ने आज सऊदी अरब से कहा कि दिल्ली के अपने राजनयिक के खिलाफ चल रही जांच में वह सहयोग करे जिस पर नेपाल की दो महिलाओं से गुड़गांव स्थित फ्लैट में बलात्कार और उत्पीड़न के आरोप हैं।
पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले में कुछ लोगों ने दो महिलाओं से कथित सामूहिक बलात्कार किया। इनमें से एक महिला के विरोध करने पर आरोपियों ने उसे बुरी तरह मारा-पीटा जिससे उसकी मौत हो गई।
एक किशोरी के साथ कथावाचक आसाराम द्वारा कथित दुष्कर्म प्रकरण के गवाह कृपाल सिंह की शाहजहांपुर में बदमाशों की गोली लगने के बाद शनिवार देर रात मौत हो गई। इस मामले में गवाहों पर यह नौवां हमला और दूसरी मौत है।
एक अमेरिकी शोधार्थी से कथित बलात्कार के मामले में जाने-माने संस्कृतिकर्मी और फिल्म 'पीपली लाइव' के सह-निर्देशक महमूद फारुखी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका अदालत ने शनिवार को फिर खारिज कर दी। छठी बार आसाराम की जमानत याचिका ठुकराई गई है। जोधपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने 73 वर्षीय आसाराम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के अपराध में आरोपी जमानत का हकदार नहीं है।
रानाघाट कॉन्वेंट स्कूल में एक वृद्ध नन के साथ बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक 28 वर्षीय बांग्लादेशी को यहां के सियालदह रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया है।
दिल्ली में बलात्कार पीड़िता की ‘टू फिंगर जांच’ की अनुमति देने के एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं।
धर्मशाला में हुए कथित बलात्कार मामले को लेकर दिनभर राजनीतिक माहौल गरम रहा। पुलिस ने प्रेस वार्ता कर गैंगरेप की घटना से साफ इंकार कर दिया है। पुलिस का कहना है कि वे मामले की छानबीन कर रही है। उधर मुख्यमंत्री वीरभद्र ने कहा कि यह राजनीतिक षडयंत्र है। जांच की जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि लड़की का इस्तेमाल सरकार की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है
धर्मशाला बलात्कार मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि इस बलात्कार में राज्य के रसूखदार लोग शामिल हैं, इसलिए सरकार ने इसपर चुप्पी साध रखी है। बीते शुक्रवार को धर्मशाला के डिग्री कॉलेज की प्रथम समेस्टर की छात्रा से हुए बलात्कार की खबर ने पूरे हिमाचल में हड़कंप मचा दिया है।
(एजेंसी) 38 साल बाद बिना न्याय पाए अरुणा शानबाग ने आखिरकार दुनिया को अलविदा कह दिया है। शानबाग हमारे देश में महिलाओं के प्रति गंभीर यौन अपराध, कुंठित सामाजिक व्यवस्था, ढीली न्याय व्यवस्था का जीता जागता सुबूत थी।