काले धन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख पर गहरी निराशा जताते हुए पूर्व कानून मंत्री एवं अग्रणी वकील राम जेठमलानी ने अमेरिका से आग्रह किया है कि विदेशों में छिपाए गए काले धन को वापस लाने में वह भारत की मदद करे।
महाराष्ट्र के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में दो शिकायत दर्ज की हैं। इससे पहले मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भुगबल के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर के एचएसबीसी खाते का ताल्लुक लंदन और दुबई में उनके न्यासों और संपत्तियों से जोड़कर देखने की कोशिश कर रहा है। हालांकि कौर और उनके परिजनों के इनकार के बावजूद आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे उनके जिनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक खाते और उनके न्यासों तथा कंपनियों का आपस में ताल्लुक है या नहीं, इसकी जांच कर रहे हैं। इस खाते के साथ लंदन और दुबई में उनकी संपत्तियों के तार खंगालने की भी कोशिश की जा रही है।
स्विट्जरलैंड में आधिकारिक तौर पर ताजा सार्वजनिक किए गए बीसियों विदेशी स्विस बैंक खाता धारकों में मात्र पांच भारतीय खाताधारकों के होने से एक बार फिर साफ हो चला है कि विदशों में अवैध धन जमा कराने वाले भारतीयों के मामले में दिखावटी शोर ज्यादा और वास्तविक कार्रवाई कम हो रही है।
वित्त मंत्री संशोधित आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म में संभवतः कंपनी प्रायोजित विदेश दौरे के जिक्र वाले खाने को हटा सकते हैं लेकिन विदेश बैंक में खाते का कॉलम यथावत रख सकते हैं। संशोधित आईटीआर फॉर्म इसी महीने के अंत तक पेश कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के एक साल पूरे होने से पहले ही कई मोर्चों पर किरकिरी झेलनी पड़ रही है जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा बढ़ती महंगाई और निवेशकों का बढ़ता मोहभंग रहा है। ऐसे में मोदी कैबिनेट ने कुछ ऐसे अहम फैसलों पर मुहर लगाई है जिसकी भारतीय जनता पार्टी अरसे से आलोचना करती आ रही थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कालाधन विधेयक पर संसद में अगले सप्ताह बहस कराएगी। इस विधेयक का उद्देश्य भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा कराए गए कालेधन और संपत्तियों की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटना है।
ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया में काले धन का पता लगाने के लिए चल रही गतिविधियों का असर आखिरकार काले धन की सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले स्विटजरलैंड तक होने लगा है। शायद यही वजह है कि यहां पर मनी लांड्रिंग के मामले में अचानक तेज गतिविधियां होने लगी है।
ऐसा लगता है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में घोटालों की जो खबरें सामने आई थीं उनका असर अब देखने को मिल रहा है और इस दौरान सीबीआई, आयकर आदि विभागों ने घोटालों के बारे में जो कदम उठाए हैं उसका असर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर भी पड़ा है।