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प्रद्युम्न मर्डर केस: रेयान स्कूल मैनेजमेंट के दो अधिकारी गिरफ्तार, 2 एसएचओ सस्पेंड

प्रद्युम्न मर्डर केस: रेयान स्कूल मैनेजमेंट के दो अधिकारी गिरफ्तार, 2 एसएचओ सस्पेंड

स्कूल मैनेजमेंट के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें रेयान स्कूल के रीजनल मैनेजर और एचआर हेड शामिल हैं।
आईटी- बीपीओ सेक्टर में 7 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

आईटी- बीपीओ सेक्टर में 7 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने की वजह से कम कुशल श्रमिकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।
बंपर उत्पादन के चलते 16 फीसदी गिरी दलहन किसानों की आमदनी

बंपर उत्पादन के चलते 16 फीसदी गिरी दलहन किसानों की आमदनी

रिपोर्ट में कहा गया है कि चने को छोड़कर अन्य दालों में मुनाफा 30 फीसदी कम हुआ है। जहां दलहनों की कीमतों में गिरावट आ रही है, वहीं इसकी उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है।
यूपी विधानसभा में मिले पाउडर को खतरनाक PETN  बताने वाले फॉरेंसिक लैब डायरेक्टर निलंबित

यूपी विधानसभा में मिले पाउडर को खतरनाक PETN बताने वाले फॉरेंसिक लैब डायरेक्टर निलंबित

12 जुलाई को उत्तरप्रदेश विधानसभा में 150 ग्राम संदिग्ध पाउडर मिलने का खुलासा हुआ। जिसके बाद लखनऊ के फारेंसिक लैब ने फॉरेंसिक जांच मे विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी।
नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया आक्रोश

नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया आक्रोश

रबीआई पर नोटबंदी के व्यापक असर को देखते हुए सिर्फ एक फीसदी नोटों का बैंकों में वापस न आना चौकाने वाला आंकड़ा है। इससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैैं।
99 फीसदी पुराने नोट वापस तो कहां है काला धन, नोटबंदी पर उठे सवाल

99 फीसदी पुराने नोट वापस तो कहां है काला धन, नोटबंदी पर उठे सवाल

लंबे इंतजार के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी का पूरा हिसाब-किताब पेश किया। लेकिन इन आंकड़ों ने नोटबंदी के दावों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
देश में कर्जदार हैं लगभग 4.69 करोड़ किसान, औसतन 3.20 लाख रुपये का कर्ज

देश में कर्जदार हैं लगभग 4.69 करोड़ किसान, औसतन 3.20 लाख रुपये का कर्ज

एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।
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