राजस्थान के दौसा जिले में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अनाज लेने वाले परिवारों के घरों के बाहर ‘मैं गरीब परिवार से हूं’ लिखवा दिया है।
गरीबी में आटा गीला होने जैसी कहावतों को तो अक्सर चरितार्थ होते हुए देखा है, लेकिन जो गरीब व्यक्ति भोजन जुटाने में असमर्थ हो और उसके पास गीला होने के लिए आटा भी न हो तो वह अपना पेट भरने के लिए किसका सहारा लेगा। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाले महमूद बट ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने अपना पेट भरने के लिए पत्तियों और टहनियों का सहारा लिया है।
केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के सांसद कोटा में जल्द ही अहम बदलाव हो सकता है। नए प्रावधानों में सांसद कोटा के तहत होने वाले दाखिले के लिए गरीब बच्चों को वरीयता देनी होगी। पिछली सरकार के दौरान इस कोटे को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया था, मगर सांसदों के भारी विरोध के बाद इस फैसले को वापस लेना पड़ा था।
खाद्य सुरक्षा पर किए गए तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद भुखमरी के मामले में भारत की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसे नापने वाले वैश्विक पैमाने 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में भारत को 'चिंताजनक श्रेणी' में रखा गया है। 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' दुनिया भर के देशों में भुखमरी के हालात और इसके मुख्य कारणों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की ओर से तैयार किया गया है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को दी गयी सलाह पर तंज कसते हुए कहा है कि पाकिस्तान के बारे में की गयी बयानबाजी ‘दूसरों को नसीहत, खुद की फजीहत’ की कहावत को चरितार्थ करती है।
दुनिया में भारत दूसरा सबसे ज्यादा असमानता वाला देश है। भारत में कुल संपत्ति की आधी से अधिक सम्पत्ति ऐसे धनाढ्यों के हाथ में केंद्रित है जिनकी हैसियत दस लाख डॉलर (लगभग 6.7 करोड़ रुपए) से अधिक की है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है।