1992 के बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्पोरेट निवेश की गति सबसे धीमी हो गई है। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में खराब मांग और नए परियोजनाओं को ऋण देने के लिए बैंकों की अनिच्छा से यह गिरावट आई है।
उत्तर प्रदेश में लगातार कड़े और बड़े फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात अधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसमें उन्होंने फर्जी राशनकार्ड धारकों से रिकवरी और भू-माफियाओं के खिलाफ टास्क फोर्स का ऐलान करने का फैसला लिया। सीएम योगी ने बैठक में भूमिहीन किसानों के दो बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच की शुरूआत से पहले, ऑक्सफेम ने आज कहा कि आठ व्यक्तियों के पास उतनी संपत्ति है जितनी दुनिया की आधी आबादी के पास है और इससे हमारे समाजों में विभाजन का खतरा पैदा होता है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि अगर देश को व्यापक आधार वाली अर्थव्यवस्था बनाना है तो दुनिया के दूसरे देशों के अनुरूप कर दरों का निम्न स्तर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह विचार अब बीते दिनों की बात हो गयी है कि कर की ऊंची दरों से अधिक राजस्व मिलता है, 1991 से अर्थव्यवस्था का यह सिद्धांत बदल गया है।
वैश्विक स्तर पर दिक्कतों तथा घरेलू मोर्चे पर नकदी की कमी की वजह से कर्मचारियों या नौकरी तलाश कर रहे लोगों के लिए नया साल चुनौतीपूर्ण रहेगा। कर्मचारी पहले से ही देखो और इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेतनवृद्धि में भी कमजोर रुख दिख रहा है।
भारत में अप्रैल 2000 से सितंबर, 2016 तक 300 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक आर्थिक संकट के बीच सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। इसमें से करीब 33 प्रतिशत एफडीआई भारत में मॉरीशस के रास्ते आया है। इसके पीछे अहम कारण भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान बचाव करार होने का फायदा उठाना हो सकता है।
अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह आतंकवाद की उन शरणस्थलियों को खत्म करने के लिए क्षेत्र के अन्य देशों के साथ काम करना जारी रखेगा, जो भारत के समक्ष भी आतंकी खतरा पेश करती हैं लेकिन, वह कांग्रेस के उस विधेयक पर टिप्पणी करने से बचता रहा, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका को पाकिस्तान को एक आतंकी देश घोषित कर देना चाहिए।
महिलाएं अब अपने घर की चार दिवारी से निकलकर अकेले घूमने का साहस करने लगी हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में इस चलन में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह बदलाव जानकारियों और बुकिंग की सुविधाओं के आसान हो जाने के कारण भी मुमकिन हो पाया है।