भारत और पाकिस्तान के बीच का मौजूदा तनाव अब व्हाइट हाउस के साइबर क्षेत्र में पहुंच गया है जहां दोनों देशों ने याचिकाएं दायर की हैं और ओबामा प्रशासन से जवाब मांगा है।
एक नए वृत्तचित्र में दावा किया गया है कि सेब सबसे पहले चीन के सुदूर शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में पैदा हुए। इसके साथ ही इसने अब तक चली आ रही उस चीनी धारणा को खारिज कर दिया, जिसके अनुसार सेबों को पश्चिमी देशों की उपज माना जाता है।
पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश के नेतृत्व को चेताया कि भारत उड़ी हमले को कभी नहीं भूलेगा और 18 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
मध्यप्रदेश की पुलिस गोली मारने में नंबर वन है। शांत मध्यप्रदेश की पुलिस के बारे में ऐसी सूचना लोगों को अवश्य आश्चर्य में डाल देगी। देश में मध्यप्रदेश की गणना उन राज्यों में होती है, जो आमतौर पर शान्त माने जाते हैं। लेकिन एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो अपराध के मामलों में मध्यप्रदेश शीर्ष पर नजर आता है।
उद्योगपति विजय माल्या के इस दावे को सरकार ने आज खारिज कर दिया कि वह भारत नहीं लौट पा रहे क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को निलंबित कर दिया है। सरकार ने स्पष्ट कहा कि कोई भी नागरिक सबसे नजदीकी भारतीय दूतावास या उच्चायोग जा सकता है और स्वदेश वापसी के लिए आपातकालीन प्रमाणपत्र (इमरजेंसी सर्टिफिकेट) के लिए आवेदन कर सकता है।
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे।
लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ब्रिक्स देशों के पर्यटन मंत्री खजुराहो में दो दिवसीय पर्यटन सम्मेलन के लिए एक सितंबर से जुटेंगे। इसमें भारत समेत ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पर्यटन मंत्रियों सहित प्रतिनिधि मंडल हिस्सा लेगा।
देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।