चांदनी चौक में सदियों पुरानी मुगल काल की दुकान घंटेवाला हाल में बेशक बंद हो गई हो, लेकिन आसपास के दूसरे चाट-पकौड़ी के ठिकाने आज भी खाने-पीने के शौकीनों से गुलजार रहते हैं।
कोलकाता की आलीशान और यूरोपीय बंगाली वास्तुशिल्प की बेजोड़ मिसाल बन चुके पुराने आलीशान मकानों को अंधाधुंध तरीके से ढहाने से बचाने के लिए नए कानून और उपायों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रख्यात अंग्रेजी लेखक अमित चौधरी का कहना है कि ये महानगर की पहचान हैं और एक समृद्ध संस्कृति को अपने में समेटे हुए हैं। ब्रिटिश काउंसिल और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजलिया द्वारा आयोजित एक परिचर्चा से इतर 2002 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता चौधरी ने कहा कि कोलकाता की बहुत सी ऐसी इमारतें समृद्ध वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं।
समाज बदल रहा है या विज्ञापन। शायद दोनों ही। लेकिन विज्ञापनों की दुनिया तेजी से बदल रही है। जिन मुद्दों पर हम बात करने से कतराते हैं, उन पर भी अब विज्ञापन बनाए जा रहे हैं। बेशक यह छोटा माध्यम है लेकिन इनका भी असर तो पड़ता ही है।
देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
भारत में कभी भी किसी प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पारी में ही इतने कम समय में इतने अधिक देशों का दौरा नहीं किया जितना नरेंद्र मोदी ने पिछली मई से अब तक एक साल के वक्त में किया है। पूरी दुनिया के अपने दौरों में मोदी ने सभी बड़े नेताओं के सामने भारत को निवेश के लिहाज से आकर्षक जगह के रूप में पेश किया मगर इन सभी नेताओं से बातचीत में एक विषय जरूर उठा और वह ये कि हठधर्मी चीन से कैसे निपटा जाए।