यूपी में आगामी निकाय चुनाव बैलट पेपर किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत यूपी चुनाव आयोग ने गुरुवार को बैलट पेपर के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। चुनाव में वोटिंग के लिए ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर कुछ राजनीतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बाद यूपी निर्वाचन आयोग का यह कदम अहम माना जा रहा है।
चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल के लिए कानून में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव कराने के लिए ईवीएम ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित तरीका है।
यूपी चुनावों में भाजपा की जीत के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी अपना पक्ष रखा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी माह में होने वाले एमसीडी चुनावों को बैलेट पेपर द्वारा कराने की बात कही है।
शहर के कुछ विशेष रूप से सक्षम लोग अड़चनों को पार करके हाथी के मल से पारिस्थितिकी के लिहाज से अनुकूल कागज बनाकर कमाई कर रहे हैं और इस कागज की अच्छी मांग है खासतौर पर विदेशी पर्यटकों के बीच।
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। सपा अकेले बहुमत की सरकार बनाएगी। अखिले श नेे सपा की आंतरिक राजनीति पर कहा कि राजनीति तो कहती है कि जो आपको पार्टी से हटाना चाहे, आप उसे निकाल दें। अखिलेश ने कहा कि इस मुकाम पर आकर वह राजनीति छोड़ने के बारे में कतई नहीं सोंचते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर यूपी में साथ दे तो 300 सीटें मिल जाएंगी।
योग गुरू रामदेव नेपाल में कथित निवेश को लेकर विवादों में फंस गए हैं क्योंकि मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद समूह ने बिना आधिकारिक मंजूरी के भारत के पड़ोसी देश में 150 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि चुनाव में प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी प्राप्त करना मतदाताओं का मौलिक अधिकार है और इस संबंध में कोई भी गलत घोषणा नामांकन पत्र अस्वीकार करने का आधार बन सकता है।
जम्मू कश्मीर सरकार को तब शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में छात्रों से राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली पार्टी का नाम पूछा गया लेकिन चार विकल्पों में से किसी भी विकल्प में भाजपा का नाम नहीं था।