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मृदुला गर्ग की बेगानी दास्तानें

मृदुला गर्ग की बेगानी दास्तानें

‘निर्वासन मर्जी से हो या जबरदस्ती, देश से आप खुद निकलें या निकाले गए हों, इसका दर्द और विसंगत स्थितियों से उत्पन्न दुविधा उसके प्रभाव को एकपक्षीय नहीं रहने देती। किसी अनजान मुल्क की तमीज-तहजीब सीखने और उसकी संस्कृति में रचने-बसने की कोशिश, खासी त्रासदायी होती है। विडंबना और विसंगतियों से भरी।’
कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
इश्क वाकई में न्यूज नहीं

इश्क वाकई में न्यूज नहीं

फेसबुक फिक्शन श्रृंखला की दूसरी किताब इश्क कोई न्यूज नहीं को पाठकों के बीच लाने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस पुस्तक का प्रोमो लंदन में आयोजित एक कार्यशाला के बाद अनौपचारिक रूप से लांच किया गया।
कोई है, जो सुन रहा है

कोई है, जो सुन रहा है

‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
उपन्यास अंश - फांस

उपन्यास अंश - फांस

सुप्रसद्धि कथाकार संजीव का नया उपन्यास फांस समर्पित है, सबका पेट भरने और तन ढकने वाले, देश के लाखों किसानों और उनके परिवारों को जिनकी हत्या या आत्महत्या को हम रोक नहीं पा रहे हैं। फांस संजीव द्वारा किसान आत्महत्या पर केंद्रित अनेक वर्षों के शोध का परिणाम है। फांस खतरे की घंटी भी है और आत्महत्या के विरुद्ध दृढ़ आत्मबल प्रदान करने वाली चेतना और जमीनी संजीवनी का संकल्प भी। जल्द ही यह उपन्यास वाणी से प्रकाशति हो रहा है। पेश हैं उपन्यास अंश :
महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार, शिवसेना ने की माफी की मांग

महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार, शिवसेना ने की माफी की मांग

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया के लिए आरक्षित आगे की कतार से एक महिला पत्रकार को हटने को कहा गया जिसपर विवाद उत्पन्न हो गया और शिवसेना ने कार्यक्रम के आयोजकों से माफी मांगने को कहा है।