भारतीय शटलर बी साई प्रणीत ने पूरे दबदबे के साथ खेलते हुए शनिवार को सिंगापुर में कोरिया के ली डोंग कियुन को आसानी से पराजित करके सिंगापुर ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया।
सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का फाइनल इस बार दो भारतीयों के बीच होगा। भारत के किदाम्बी श्रीकांत और बी साई प्रणीत ने शनिवार को सेमीफाइनल में आसान जीत दर्ज कर फाइनल में प्रवेश किया। संभवत: यह पहला मौका है जब दो भारतीय खिलाड़ी सुपर सीरीज टूर्नामेंट में खिताब के लिये एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
शीर्ष भारतीय शटलर पीवी सिंधू और बी. साई प्रणीथ ने 350,000 डालर ईनामी राशि के सिंगापुर सुपर सीरीज में गुरुवार को महिला और पुरूष एकल वर्ग के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लगभग एक हजार वर्ष पुरानी भगवान गणेश की प्रतिमा को पहाड़ी से गिराकर खंडित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में नक्सलियों का हाथ हो सकता है।
देश के मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर के हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र में विजय दशमी की तैयारियां उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम परिवार के बिना पूरी नहीं होतीं। यह परिवार पर्व के एक महिने पहले पहुंचकर पुतले बनाने के काम में लग जाता है जिन्हें जम्मू के अलावा दूरस्थ क्षेत्रों के पंडालों में भी लगाने के लिए पूजा समितियां ले जाती हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने रवैये पर कायम रहते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि नरसिंह यादव पर डोपिंग के कारण चार साल का प्रतिबंध लगने के लिए साई और नाडा के कुछ जूनियर अधिकारी जिम्मेदार हैं।
कनाडा में अपना पहला ग्रां प्री खिताब जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरे भारत के बी. साई प्रणीत की नजरें अब मंगलवार से शुरू हो रहे 120000 डालर इनामी अमेरिकी ओपन ग्रां प्री गोल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट पर टिकी हैं।
वह कहावत तो सुनी ही होगी, प्यासे कुएं के पास जाते हैं। लेकिन उज्जैन सिंहस्थ में कुआं प्यासों के पास जा रहा है। एक समूह ऐसा भी है जो खोज-खोज कर लोगों को पिला रहा है पानी।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई इस बार वोट मांग नहीं रहे बल्कि दे रहे हैं। संगीत के एक टीवी इंडियन आइडल जूनियर सीजन – 2 में असम से एक प्रतिस्पर्धी नाहिद आफरीन के लिए गोगोई ने वोट किया।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण भारतीय हाॅकी के स्वर्णिम इतिहास की नायाब धरोहर गायब हो चुकी है और साई को महान ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर द्वारा 1985 में दान में दी गई यादगार धरोहरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।