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नियति से निर्वाण की कथा रंग राची

नियति से निर्वाण की कथा रंग राची

मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
दोबारा मंच साझा नहीं करेंगे नीतीश, लालू

दोबारा मंच साझा नहीं करेंगे नीतीश, लालू

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दूसरी बार मंच साझा न किए जाने का के कारण जनता दल यूनाइटेड जद (यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ आने में आ रही अडचनों को लेकर चल रही अटकलों को बल मिला है।
गहरे हैं रंग ' कैनवास पर प्रेम ' के

गहरे हैं रंग ' कैनवास पर प्रेम ' के

विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।
पचौरी के आग्रह पर 21 मई को सुनवाई

पचौरी के आग्रह पर 21 मई को सुनवाई

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को टेरी के महानिदेशक आरके पचौरी के उस आग्रह पर सुनवाई 21 मई तक के लिए स्थगित कर दी जिसमें उन्होंने अपने कार्यालय में प्रवेश की अनुमति मांगी थी।
राज्‍यसभा में उठा राज्यसभा टीवी के बारे में आई खबरों का मुद्दा

राज्‍यसभा में उठा राज्यसभा टीवी के बारे में आई खबरों का मुद्दा

आज विपक्ष के सदस्यों ने राज्यसभा टीवी चैनल के बारे में कुछ समाचार पत्राों में छपी एक खबर को तथ्यहीन बताते हुए इस बारे में विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार कर उस पर चर्चा कराने और इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस पर सरकार ने अनुरोध किया यह मुद्दा प्रेस की आजादी से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पर कोई भी फैसला लेते समय विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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