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छोटी कंपनियों के शेयरों का जलवा, बड़े शेयर पीछे छूटे

छोटी कंपनियों के शेयरों का जलवा, बड़े शेयर पीछे छूटे

इस साल अभी तक स्माल कैप और मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन ब्लूचिप कंपनियों से बेहतर रहा है। छोटी कंपनियों के शेयरों ने अभी तक साल के दौरान 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। साल के दौरान मिडकैप सूचकांक का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर रहा है। यह 2,371.97 अंक या 21.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 13,515.05 अंक पर पहुंच गया है। वहीं स्माल कैप 11.98 प्रतिशत या।,419.22 अंक की बढ़त के साथ 13,255.93 अंक रहा है।
काले धन के लिए छोटे व्यापारियों पर निशाना साध रही है मोदी सरकार: दिग्विजय

काले धन के लिए छोटे व्यापारियों पर निशाना साध रही है मोदी सरकार: दिग्विजय

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार काला धन बाहर निकालने के नाम पर छोटे व्यापारियों और कारोबारियों पर निशाना साध रही है।
कमी नहीं, किसानों की आत्महत्या होनी ही नहीं चाहिएः अदालत

कमी नहीं, किसानों की आत्महत्या होनी ही नहीं चाहिएः अदालत

देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में व्यापक कमी आने संबंधी केंद्र सरकार के दावों से उच्चतम न्यायालय आज संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कहा कि एक भी ऐसा मामला नहीं होना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने आठ साल पुरानी कृषि नीति पर फिर से गौर करने के बारे में केंद्र से जवाब मांगा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को दी‌ झिड़की

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को दी‌ झिड़की

अप्रैल में जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी की पार्टी की रैली में कथित तौर पर फांसी लगा लेने वाले राजस्थान के किसान को शहीद का दर्जा दिए जाने के दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से जवाब-तलब किया।
भिखारी से बनें कारोबारी

भिखारी से बनें कारोबारी

लगभग 35 साल पहले 65 वर्षीय सुनील घोषाल बंगाल में अपने गांव हरोका से भागकर वृंदावन आ गए थे। वह बताते हैं कि उनके शरीर में कुष्ठ रोग के हल्के से कुछ दाग उभर आए थे। इस वजह से उनके घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। किसी मेहमान के आने पर घोषाल को छिपा दिया जाता। एक रोज उनकी बड़ी बहन को लड़के वाले देखने आए तो घोषाल को एक कमरे में बंद कर दिया गया। ऐसी जिंदगी से तंग आकर अगले ही दिन वह बिना किसी को बताए घर से भाग गए। कुछ दिन उत्तर प्रदेश की खाक छानते रहे फिर वृंदावन आकर बस गए।
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