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शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के संग नजदीकियां बढ़ा रहे शत्रुघ्न ने इस बार मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के बहाने नरेंद्र मोदी के डीएनए वाले बयान पर निशाना साधा है।
सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

5 अक्टूबर 1955 को जन्म। छह कहानी संग्रह, 3 उपन्यास और एक कविता संग्रह। पहली कहानी सन 1978 में सारिका में प्रकाशित। दूरदर्शन और आाकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा कहानियों पर टेलीफिल्म और रेडियो नाटकों का निर्माण। कई कहानियों का भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में कहानियां अनूदित।
खोदा पहाड़ निकली सफलता

खोदा पहाड़ निकली सफलता

बजरंगी भाईजान फिल्म में पाकिस्तानी पत्रकार चांद नवाब की भूमिका के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी स्टार हो गए हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद फिल्म उद्योग ने उन्हें सितारा हैसियत दे ही दी। लंच बॉक्स, पान सिंह तोमर में उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया था। अब अगले महीने उनकी फिल्म मांझी-द माउंटेनमैन आने वाली है। केतन मेहता की इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
उसने कहा था – सौ साल पुराना प्रेम

उसने कहा था – सौ साल पुराना प्रेम

चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी ‘उसने कहा था’ सौ साल की हो गई है। यह सिर्फ प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि मासूम प्रेम की अभिव्यक्ति है। उसने कहा था गुलेरी जी ने सन 1915 में लिखी थी। सौ साल बाद भी इस कहानी की न रुमानियत खत्म हुई न मासूमियत।
नकलची एंट मैन

नकलची एंट मैन

आने वाली फिल्म एंड मैन की धूम मची हुई है। लेकिन चर्चा है कि एंट मैन जैसी हरकतें करता है वह काफी कुछ स्पाइडर मैन से मिलती जुलती हैं। अभी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है लेकिन चर्चा चल पड़ी है कि अगर एंट मैन भी स्पाइडर मैन की तरह ही स्टंट दिखाएगा तो फिर नए सुपरहीरो की क्या जरूरत है।
कहानी - उदासी का कोना

कहानी - उदासी का कोना

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कई पुस्तकों का लेखन किया है, जिनमें ‘संस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध, ‘तीसरा रुख’, ‘विचार का अनंत’, ‘शिवदान सिंह चौहान’, ‘कबीर : साखी और सबद’, ‘मजबूती का नाम महात्मा गांधी’ (गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के वार्षिक भाषण का पुस्तक स्वरूप) 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय' प्रमुख हैं। प्रो॰ अग्रवाल की पुस्तक 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय' बहुत चर्चित पुस्तक रही है। वह एक प्रखर चिंतक और आलोचक हैं। उनका यात्रा-वृत्तांत ‘हिंदी सराय : अस्त्राखान वाया येरेवान' प्रकाशित हुआ है।
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