कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को 2018 में होने वाले राजस्थान, मध्यपद्रेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों की भी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, पांच राज्यों के चुनाव के बाद उनको यह जिम्मेदारी दे दी जाएगी। उनकी इन चुनाव की रणनीति को काफी कारगर माना जा रहा है। शुरुआती जो संकेत मिल रहे हैं, उसमें यही है कि फिलहाल प्रशांत किशोर की उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड की रणनीति कामयाब रही है।
'चुनावी चाणक्य' प्रशांत किशोर चुनाव में जीत का एक भरोसा है। पहले पीएम मोदी, बाद में नीतीश कुमार और अब कांग्रेस इनकी मदद से सत्ता के सिंहासन तक पहुंचना चाहती है। इनकी चुनावी रणनीति काफी पुख्ता होती है। प्रशांत इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी नाम से एक संस्था चलाते हैं। यह संस्था ही किसी पार्टी के प्रचार अभियान का काम देखती है। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर की इस संस्था में करीब 250 लोग काम करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कवायद के बीच कांग्रेस ने सीटों की संख्या को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी हैैैै। चुनावी समर में प्रदेश में अपनी जगह बनाने के लिए कांग्रेस ने गठबंधन की कोशिशें तेज भी कर दी हैं। कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब तक दो बार सपा सुप्रीमों से मुलाकात कर चुके हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सीटों को लेकर चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें कम से कम 125 से 150 सीटें चाहिए।