देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के अनुसार राहुल गांधी इस साल कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं और वह क्षेत्रीय चेहरों को आगे बढ़ाकर भारत की इस सबसे पुरानी पार्ट को उसकी ताकत और उसके अतीत का गौरव वापस दिला सकते हैं।
लुइसियाना से भारतीय अमेरिकी गवर्नर बॉबी जिंदल ने व्हाइट हाउस पर अपनी नजर रखते हुए एक अन्वेषण समिति गठित की है जो वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए एक रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर उनकी चुनौती को मजबूत करने की संभावना टटोलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 63 हजार करोड़ रुपये के 24 समझौते हुए हैं। इनमें रेल, खनन, पर्यटन, अंतरिक्ष अनुसंधान और व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े समझौते शामिल हैं। चीन भारतीय शहर चेन्नई में अपना वाणिज्य दूतावास खोलेगा जबकि भारत चीन के शहर शेंग्दू में वाणिज्य दूतावास खोलने पर सहमत हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की तीन दिवसीय यात्रा के तहत गुरुवार को चीन पहुंच गए। इस यात्रा के दौरान वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ सीमा विवाद और पाक अधिकृत कश्मीर में चीन की ढांचागत परियोजनाओं की योजनाओं समेत विभिन्न मुद्दों पर शिखर वार्ताएं करेंगे।
भारत में कभी भी किसी प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पारी में ही इतने कम समय में इतने अधिक देशों का दौरा नहीं किया जितना नरेंद्र मोदी ने पिछली मई से अब तक एक साल के वक्त में किया है। पूरी दुनिया के अपने दौरों में मोदी ने सभी बड़े नेताओं के सामने भारत को निवेश के लिहाज से आकर्षक जगह के रूप में पेश किया मगर इन सभी नेताओं से बातचीत में एक विषय जरूर उठा और वह ये कि हठधर्मी चीन से कैसे निपटा जाए।
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना और उनके पूर्ववर्ती महिंदा राजपक्षे ने बुधवार को कोलंबो में मुलाकात की। इस कदम को पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा राजनीतिक वापसी की कोशिश और अपने मतभेदों को पाटने के तौर पर देखा जा रहा है।