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फवाद खान की बॉलीवुड में वापसी पर विवाद! जानिए पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तानी एक्टर ने क्या कहा?

फवाद खान की बॉलीवुड में वापसी पर विवाद! जानिए पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तानी एक्टर ने क्या कहा?

पाकिस्तानी फिल्म कलाकार फवाद खान और अभिनेत्री वाणी कपूर की आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर प्रतिबंध...
पुस्तक समीक्षाः इंजीकरी

पुस्तक समीक्षाः इंजीकरी

'इंजीकरी' प्रतिभाशाली युवा कवयित्री अनामिका अनु का पहला कविता संग्रह है। इस संग्रह के प्रकाशित होने...
निमित्त नहीं का लोकार्पण

निमित्त नहीं का लोकार्पण

महाभारत की स्त्रियां हमेशा से ही जिज्ञासा का विषय रही हैं। हर स्त्री की अपनी कहानी और पृष्ठभूमि है।...
कोई है, जो सुन रहा है

कोई है, जो सुन रहा है

‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।