शिकागो का 1893 में हुआ यह कार्यक्रम सिर्फ एक धर्म-संसद नहीं था। दरअसल कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज के 400 साल पूरे होने का जश्न था। महज धार्मिक विद्वानों का सम्मलेन न होकर यह एक प्रकार से ज्ञान-विज्ञान का कुम्भ था।
ऐसे दौर में जब रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा चल रहा है, स्वामी विवेकानंद इजरायल के शरणार्थियों की बात करते हैं। वैचारिक असहमतियों को सहन न कर पाने के इस दौर में उनकी बात याद करने लायक है, जब उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसकी भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं।
आईएसआईएस ने बांग्लादेश में एक हिन्दू आश्रम में काम करने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। मुस्लिम बहुल इस देश में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा धर्मनिपरेक्ष कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यकों की लगातार बर्बर हत्या की जा रही है। आईएसआईएस ने इस कदम से एक तरह से प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद काेे भी अपनी मौजूदगी की सूचना दी है। वााजेद नेे कहा था कि उनके यहां आईएसआईएस सक्रिय नहीं हैंं।
मलेशिया में स्थित सौ साल पुराने विवेकानंद आश्रम को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया जाए या नहीं यह संभवत: अगले हफ्ते तय होगा। स्वामी विवेकानंद का यह आश्रम लगभग सौ साल से भी पुराना है। आश्रम का न्यास मंडल राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव दो बार ठुकरा चुका है। इससे पहले मलेशिया सरकार ने यहां ब्रिकफील्ड्स में स्थित 110 साल पुरानी इस इमारत को विरासत स्थल का दर्जा देने की अधिसूचना जारी करने की योजना बनाई थी। लेकिन आश्रम का न्यासमंडल इस प्रस्ताव को दो बार ठुकरा चुका है।
भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।