अशांत कश्मीर आज लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू मुक्त रहा। धीर धीरे घाटी की स्थिति सामान्य हो रही है। सुरक्षा बलों ने शहर और राज्य के अन्य स्थानों में अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन की योजना को नाकाम कर दिया है।
कश्मीर घाटी के हंदवाडा में आज फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है जबकि श्रीनगर के तीन पुलिस थाना क्षेत्रों में अभी भी प्रतिबंध जारी है। हिंसा और झड़पों के बाद कर्फ्यू और प्रतिबंधों की वजह से कश्मीर घाटी में आज लगातार 78वें दिन भी आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा।
कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी कर्फ्यू को स्थिति में सुधार आने के बाद आज हटा लिया गया। हालांकि राजधानी श्रीनगर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में अब भी कर्फ्यू जारी है। घाटी में आज 74वें दिन भी जनजीवन बाधित है।
शुक्रवार की शाम सुरक्षा बलों और प्रदर्शकारियों के बीच हुए संघर्षों में एक किशोर की मौत के बाद आज श्रीनगर के हरवां इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी के कुछ हिस्सों और कश्मीर के दो शहरों में अब भी कुछ प्रतिबंध जारी है।
पिछले 26 सालों में पहली बार बकरीद के मौके पर कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में आज कर्फ्यू लगाया गया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्षों में दो युवक की मौत होने के बाद अधिकारियों ने घाटी के सभी जिलों में कर्फ्यू लगा दिया।
प्रशासन द्वारा तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा दिए जाने के कारण श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य की ओर लौटने लगा। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था।
कश्मीर में पुलवामा जिले के ख्रिव में तलाशी अभियान का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच संघर्षों में एक लेक्चरर की मौत हो गई और 18 अन्य लोग घायल हो गए। कश्मीर घाटी में पिछले 41 दिन से कर्फ्यू और प्रतिबंध जारी है।
शुक्रवार को हुई झड़पों में घायल एक युवक की श्रीनगर के एक अस्पताल में मौत हो जाने से कश्मीर में मरने वालों का आंकड़ा 55 पहुंच गया। वहीं घाटी के कई हिस्सों में आज भी कर्फ्यू जारी है।
कश्मीर में शुक्रवार को हुई हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद घाटी के कई हिस्सों में आज भी कर्फ्यू जारी है। ताजा झड़पों में तीन लोगों की मौत के साथ अब तक की हिंसा में मरने वालों की संख्या 54 हो गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया और उसे चिंताजनक और दिल तोड़ने वाला करार दिया है।