मैकेंजी कंपनी के पूर्व प्रमुख रजत गुप्ता का मानना है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में दबाव में है। इसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में तकनीक काफी आगे बढ़ गई है जबकि इसमें यहां निवेश नहीं किया गया है। न्यूयॉर्क में एनजीओ प्रथम द्वारा आयोजित एक चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि जिस गति से आईटी क्षेत्र में परिवर्तन हो रहे हैं भारत उसमें शामिल नहीं हो पा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट अब जल्द ही पेपर कोर्ट से बदलकर डिजिटल कोर्ट बनने वाला है। सुप्रीम कोर्ट में होने वाले इस तरह के बदलावों के बाद हम कोई भी केस डिजिटल में दर्ज करा सकते हैं। यह सुविधा जुलाई में कोर्ट के खुलने के बाद से शुरू हो जाएगी।
आईटी क्षेत्र की नौकरियों पर एक नया खतरा मंडराने लगा है। अगले तीन वर्षों के दौरान आईटी क्षेत्र में सालाना करीब दो लाख लोगों की छंटनी हो सकती है। डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन का तेजी से प्रसार इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है।
भारत की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने 600 कर्मचारियों को निकाल दिया है। कंपनी ने “वार्षिक मूल्यांकन” के दौरान इन कर्मचारियों को “खराब प्रदर्शन” के आधार पर निकाला है। सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि कंपनी से छंटनी की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है और निकाले जाने वालों की संख्या 2000 तक पहुंच सकती है।
हाल ही में भारतीय मूल के करीब सैकड़ों अमेरिकी आईटी पेशेवर इन मुद्दों पर चिंता प्रकट करने के लिए सिलिकॉन वैली में एकत्रित हुए थे और उन्होंने मुद्दे पर सांसदों तथा नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता महसूस की।
चीन में जी 20 की बैठक के पहले भारत और वियतनाम ने अपने सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाने का संकेत देते हुए रक्षा, आईटी, अंतरिक्ष, दोहरे कराधान से बचाव और मालवाहक पोतों संबंधी वाणिज्यिक नौवहन सूचना साझा करने समेत विभिन्न क्षेत्रों जुड़े 12 करार किए हैं। हनोई में इस मौके पर मोदी और वियतनाम के पीएम नुएन शुएन फुक ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मोदी ने वियतनाम के साथ भारत के मजबूत संबंधों को अहम बताया।