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चर्चाः शिक्षा के मंदिरों में राजनीति| आलोक मेहता

चर्चाः शिक्षा के मंदिरों में राजनीति| आलोक मेहता

हैदराबाद अकेला नहीं है। देश के विभिन्न भागों में शिक्षा के मंदिरों को राजनीतिक अखाड़ा बनाया जा रहा है। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र द्वारा की गई आत्महत्या की दुःखद घटना के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने मंत्रियों के बचाव के साथ घटना पर लीपापोती की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना को स्‍थानीय चुनावों से जोड़ा जा रहा है।
हैदराबाद विश्वविद्यालय से मिली डी.लिट लौटाएंगे अशोक वाजपेयी

हैदराबाद विश्वविद्यालय से मिली डी.लिट लौटाएंगे अशोक वाजपेयी

हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में जाने-माने लेखक अशोक वाजपेयी ने विश्वविद्यालय से उन्हें प्रदान की गई डी. लिट की उपाधी लौटाने का एलान किया है। वाजपेयी ने यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन के दलित विरोधी रवैये के विरोध में लिया है जिसकी वजह से रविवार की रात रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं। केद्रीय मंत्री ने कहा कि इनमें अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएं देकर दलितों, पिछड़ों और अन्य जातियों के छात्र-छात्राओं का हक मारा जा रहा है।
छात्र आत्महत्या पर राजनीति शुरू, राहुल हैदराबाद में छात्रों से मिले

छात्र आत्महत्या पर राजनीति शुरू, राहुल हैदराबाद में छात्रों से मिले

दलित शोधार्थी रोहित की कथित आत्महत्या के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के परिसर में आज ताजा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच अब इसपर राजनीति भी होने लगी है। टीआरएस सांसद के नेतृत्व में हैदराबाद में जहां एक सामाजिक संगठन ने केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रोय के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विश्वविद्यालय का दौरा किया।
‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के संदर्भ में बात करें तो इस वक्त केंद्रीय संसाधन मंत्रालय द्वारा विश्वविद्लायों में एक विचारधारा थोपने की बात चल रही है। रोहित का लेना-देना सिर्फ हैदराबाद विश्वविद्लाय या वहां के प्रशासन मात्र से नहीं है बल्कि एक बड़े मसले से है। देश की विश्वविद्यालय व्यवस्था में इस समय वैचारिक हस्तक्षेप चल रहा है। वहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। देखा जाए तो जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सोचने लगी है कि कानून उनकी जेब में है।
'राजनीतिक सक्रियता में नजरअंदाज जेएनयू का अकादमिक योगदान'

'राजनीतिक सक्रियता में नजरअंदाज जेएनयू का अकादमिक योगदान'

देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति एसके सोपोरी का कहना है कि जेएनयू को अक्सर राजनीतिक सक्रियता के मंच के रूप में देखा जाता है और अकादमिक क्षेत्र में इसके योगदान को नजरंदाज किया जाता है।
नेहरू की हठ के चलते अधूरा अशोक स्तंभ बना राष्ट्रीय प्रतीक

नेहरू की हठ के चलते अधूरा अशोक स्तंभ बना राष्ट्रीय प्रतीक

अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्‍तंभ को राष्‍ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्‍होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।
बिहार: सरकारी साइट पर इंदिरा विरोधी लेख को लेकर विवाद

बिहार: सरकारी साइट पर इंदिरा विरोधी लेख को लेकर विवाद

बिहार सरकार की एक वेबसाइट पर इंदिरा गांधी की आलोचना वाले एक लेख ने विवाद खड़ा कर दिया है। सरकारी वोबसाइट पर छपे इस लेख ने विपक्षी भाजपा और उसके सहयोगी दलों को सत्तारूढ़ गठबंधन के दलों को निशाना बनाने का मौका दे दिया है। हालांकि हंगामा खड़ा होने के बाद वह लेख साइट से हटा लिया गया है।
मंदिर निर्माण जरूरी पर बलपूर्वक कुछ नहीं होगाः स्वामी

मंदिर निर्माण जरूरी पर बलपूर्वक कुछ नहीं होगाः स्वामी

दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर के निर्माण पर आयोजित सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोई भी कार्य बलपूर्वक या कानून के खिलाफ नहीं किया जाएगा। सम्मेलन को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के जारी विरोध के बीच स्वामी ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हमारी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी है और जब तक इसका निर्माण नहीं होता है तब तक हम इसे नहीं छोड़ेंगे।
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