आम आदमी पार्टी पर अपनी एक कार्यकर्ता को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने महिला के परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है।
सवाल यह है कि गांव, मोहल्ले, कस्बे, शहर, महानगर में वर्षों तक रहने वाले पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता क्या स्थानीय मुद्दों, समस्याओं, क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले व्यक्तियों की जानकारी क्षेत्रीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेताओं को नहीं दे सकते हैं?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने जन्मदिन पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर वाला केक काटकर विवाद को अंजाम दे दिया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मोदी सरकार के दो साल के शासनकाल में मानवाधिकार और धार्मिक आजादी कम होने का दावा किया है। कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को भारत की अमेरिका के साथ होने वाली नियमित वार्ता का अंग बनाने को कहा है।
बांग्लादेश में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के तीन संदिग्ध हमलावरों ने धारदार हथियारों से एक 70 वर्षीय हिंदू पुजारी की हत्या कर दी। मुस्लिम बहुल इस देश में अल्पसंख्यकों तथा धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम चरमपंथियों के सिलसिलेवार हमलों की यह ताजा घटना है और इस साल यह दूसरे पुजारी की हत्या है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सूबे में कांग्रेस को और हाशिए में ले जाने के लिए पूरी तरह मैदान में आ चुके हैं। वह प्रदेश में नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। उनकी राय हैै कि वह यह सब कार्यकर्ताओं की मांग पर कर रहे हैं। कार्यकर्ता चाहते हैं कि कांग्रेस को छोड़ एक नई पार्टी बनाई जाए और राज्य की सत्ता में वापसी का प्रयास किया जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह कहकर तूफान पैदा कर दिया है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता आरएसएस से प्रशिक्षित हैं और वो खाली हाथ भी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कंधा तोड़ सकते हैं। इसको लेकर सत्तारूढ़ दल, कांग्रेस और वाम दलों ने आलोचना की है।