सुनील सीरीज का उपन्यास उनका पहला उपन्यास था और यह 1963 में पब्लिश हुआ था। यह उपन्यास पुराने गुनाह नए गुनहगार पत्रिका नीलम जासूस में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद खोजी पत्रकार सुनील चक्रवर्ती को लेकर उन्होंने 100 किताबों की श्रृंखला की।
आरएसएस के प्रवक्ता का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का कदम उठाया गया है। इससे पहले भी (पश्चिम बंगाल) सरकार ऐसा कर चुकी है। वे इस कदम की निंदा करते हैं।