Advertisement

Search Result : " मौलाना सईद अरशद मदनी"

बुरहान वानी केे पाक आतंकी हाफिज सईद से थे ताल्‍लुकात, मांगी थी मदद

बुरहान वानी केे पाक आतंकी हाफिज सईद से थे ताल्‍लुकात, मांगी थी मदद

जम्‍मू कश्‍मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पाक आतंकी हाफिज सईद के साथ ताल्‍लुकात थे। वानी ने अपने एनकाउंटर से पहले जमात उद दावा और लश्‍कर ए तैयबा के संस्‍थापक हाफिज सईद से बात की थी। एक न्‍यूज चैनल ने अपनी खबर में दावा किया है कि इस दौरान उसने लश्‍कर से मिलकर भारत को बर्बाद करने की योजनाओं पर मिलकर काम करने की अपील की थी। सईद से हुई बातचीत में वह कहता है कि हम अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं। भारतीय फौज को करारा जवाब भी दे रहे हैं।
‘मुस्लिम-दलित मिलकर लड़ाई लड़ें तो वे एक और एक ग्यारह होंगे’

‘मुस्लिम-दलित मिलकर लड़ाई लड़ें तो वे एक और एक ग्यारह होंगे’

मुस्लिमों के साथ मजहब के नाम पर और दलितों के साथ जाति के नाम पर भेदभाव होने का दावा करते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उल उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने आज दलित और मुस्लिम समाज से एकजुट होने का आह्वान किया।
मौलाना स्मृति समारोह : लंदन में 23 को सजेगी मुशायरेे की महफिल

मौलाना स्मृति समारोह : लंदन में 23 को सजेगी मुशायरेे की महफिल

इल्मी मजलिस, लंदन की ओर से वहां ८, दक्षिण ऑडले स्ट्रीट स्थित नेहरू सेंटर में मौलाना आजाद स्मृति समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कवयित्री एवं कथाकार दिव्या माथुर की सूचनानुसार २१ नवंबर की शाम बालीवुड की फिल्मों में आए टैगोर के गीतों पर आधारित नृत्य के साथ शुरू हुए भारतीय प्रवासियों के तीन दिवसीय समारोह का समापन कल २३ नवंबर को काव्यपाठ / मुशायरा के साथ संपन्न होगा।
जमिअत उलमा-ए-हिंद अधिवेशनः ख्वाजा की नगरी से दिल जोड़ने का संदेश

जमिअत उलमा-ए-हिंद अधिवेशनः ख्वाजा की नगरी से दिल जोड़ने का संदेश

आज अजमेर में जमिअत-उलमा-ए हिंद का 33वां अधिवेशन शुरू हो गया है। यहां के काईड विश्राम स्थली में जमिअत उलमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी की अध्यक्षता में जमिअत उलमा-ए हिंद के तराने के साथ जैसे ही पहली बैठक शुरू हुई, बड़ी तादाद में लोगों ने जात के नाम पर पैदा की गई दूरियों को खत्म करने की अपील के नारे दिए और एकता का संदेश दिया।
नेहरू-गांधी के शासन में मौलाना आजाद को क्यों नहीं मिला भारत रत्न: प्रसाद

नेहरू-गांधी के शासन में मौलाना आजाद को क्यों नहीं मिला भारत रत्न: प्रसाद

नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल के दौरान मौलाना आजाद को भारत रत्न नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री की जिन नेताओं ने आलोचना की उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया।
पाकिस्तान: कश्मीर पर फीके रवैये को लेकर सईद ने शरीफ सरकार को लिया आड़े हाथ

पाकिस्तान: कश्मीर पर फीके रवैये को लेकर सईद ने शरीफ सरकार को लिया आड़े हाथ

जमात उत दावा प्रमुख और मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षड़यंत्रकर्ता हाफिज सईद ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत के प्रति फीकी प्रतिक्रिया देने को लेकर नवाज शरीफ सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि घाटी के लोगों को पाकिस्तान का पूर्ण व्यावहारिक सहयोग चाहिए।
‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
शरीफ सरकार से उनके ही सांसद ने पूछा, कौन से अंडे देता है सईद जो पाल रहे हैं

शरीफ सरकार से उनके ही सांसद ने पूछा, कौन से अंडे देता है सईद जो पाल रहे हैं

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री न सिर्फ दुनिया भर में बल्कि खुद अपने ही देश में घिरते जा रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम न उठाने और उसे संरक्षण देने का आरोप झेल रही पाकिस्तानी सरकार से सत्तारूढ़ पार्टी के ही एक सांसद ने सवाल पूछा, आखिर हाफिज सईद ऐसे कौन से अंडे देता है जिसकी वजह से हमने उसे पाल रखा है।
मदनी के बयान पर उलेमा बोले, कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला

मदनी के बयान पर उलेमा बोले, कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला

56 मुस्लिम देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आर्गेनाईजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआइसी) के महासचिव अयाज अमीन मदनी के कश्मीर मामले में दिए गए बयान की भारतीय उलेमाओं ने आलोचना की है। भारतीय उलेेमा और बुद्धिजीवियों के मुताबिक मदनी का यह कहना गलत है कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मामला है बल्कि कश्मीर समस्या विशुद्ध रूप से भारत का आंतरिक मामला है, जिसे बातचीत से हल किया जा सकता है।
‘फिरकापरस्त’ तबका समझ रहा हम जो जी चाहें करें-मौ.अरशद मदनी

‘फिरकापरस्त’ तबका समझ रहा हम जो जी चाहें करें-मौ.अरशद मदनी

देश के मौजूदा सियासी-सामाजिक हालातों पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सय्यद अरशद मदनी मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि कुछ मौजूदा मसलों पर सरकार ने अगर समझदारी का सुबूत न दिया,जो लोग मुल्क के हालात खराब करने की कोशिश कर रहे हैं अगर सरकार के हाथ उनकी गर्दन तक नहीं पहुंचे या उनके हौसले को न तोड़ा गया तो हालात खराब होंगे।
Advertisement
Advertisement
Advertisement