देश के विभिन्न भागों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं, तिलहन एवं बागवानी फसलों को हुई भारी क्षति पर गुरूवार को विभिन्न दलों के नेताओं ने गहरी चिंता जताते हुए प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा एवं फौरी राहत दिलाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए।
बिन मौसम बरसात ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। मार्च महीन में हुई भारी बारिस से किसानों फसल को नुकसान पहुंचा दिया है जिससे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बारिस से हुए नुकसान के बाद एक किसान ने आत्महत्या कर ली।
पिछले दिनों बेमौसम बारिश से बेशक लाखों टन अनाज बर्बाद हो गए हों लेकिन मौसम विभाग की मानें तो इस बार बंपर मॉनसून की भविष्यवाणी की गई है जिससे जल्द ही किसानों के दिन फिरने वाले हैं।
उत्तर भारत में बीते दिनों बारिश होने से न केवल न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है बल्कि खेतों में तैयार आलू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और पंजाब-हरियाणा के कई इलाकों में आलू की अच्छी पैदावार होती है ।
लोहड़ी के बाद पंजाब-हरियाणा के मौसम में बदलाव आम बात है लेकिन बीती रात इन राज्यों के कई इलाकों में हुई बारिश से सर्दी ठहर गई है जबकि क्षेत्र में न्यूनतम तापमान, सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है।