प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कैशलेस समाज की अवधारणा की पुरजोर वकालत की और कहा कि इस व्यवस्था को अपनाने से पारदर्शिता आएगी और काले धन का प्रभाव कम हो जाएगा।
ऑल इंडिया रेडियो के विदेश सेवा प्रभाग की फारसी सेवा एक मल्टीमीडिया वेबसाइट और मोबाइल ऐप शुरू कर रही है। यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब रविवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा शुरू हो रही है।
मौजूदा सरकार देश को डिजिटल रूप से सशक्त और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए डिजिटल इंडिया क्रार्यक्रम लागू करने जा रही है। इसके तहत आयकर, ब्रिकी कर, पासपोर्ट, डाइविंग लाइसेंस, पेंशन आदि ऑनलाइन माध्यम से जारी किए जा सकेंगे।
आज सोशल मीडिया पर सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम छाए हुए हैं। यानी टॉप ट्रेंड कर रहे हैं। हर ओर से परीक्षा में अव्वल आने वालों को बधाइयां मिल रही हैं। फेसबुक और टि्वटर पर मुबारकों का तांता लगा हुआ है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 12 साल से सत्ता में बने हुए हैं और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक समीकरणों पर उनकी निगाह है। अरसे से उन्होंने विकास कार्यक्रमों को अपना कारगर हथियार बना रखा है। नक्सली हिंसा के मुकाबले के लिए भी वे जनता से सीधा संवाद और विकास योजनाओं के सूक्ष्म स्तर तक क्रियान्वयन को सटीक फार्मूला मानते हैं। पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले रमन सिंह को जनता की नब्ज सटीक तौर पर समझने-परखने वाला नेता माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अभी हाल उन्होंने `लोक सुराज यात्रा' का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के इलाकों के दौरे में डॉ. रमन सिंह के साथ आउटलुक के समाचार संपादक दीपक रस्तोगी ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :
सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हो गया है। दिल्ली की छात्रा और लेडी श्रीराम कालेज से स्नातक टीना डाबी ने टॉप किया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के छात्र अतहर आमिर उल शफी खान दूसरे नंबर पर हैं। दिल्ली के ही जसमीत संधू को तीसरी रैंक मिली है।
वह कहावत तो सुनी ही होगी, प्यासे कुएं के पास जाते हैं। लेकिन उज्जैन सिंहस्थ में कुआं प्यासों के पास जा रहा है। एक समूह ऐसा भी है जो खोज-खोज कर लोगों को पिला रहा है पानी।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में कथित दलाली को लेकर जारी हंगामे के बीच अन्य रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाने वाले दलालों पर सरकार की निगाहें कड़ी हो गई हैं। रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाने वाले कई दलालों और उनकी कंपनियों की सरकार विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच करवा रही है और उनके लेन-देन में अनियमितता पर अपनी नजर बनाए हुए है।