साहित्य अकादेमी की ‘राष्ट्रीय भावात्मक एकता: भारतीय भाषा और साहित्य के संदर्भ में’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन पर कपिल कपूर ने कहा, भारत का एकत्व ज्ञान की परंपरा के कारण ही है।
स्माइल अंतरराष्ट्रीय बाल एवं युवा फिल्म महोत्सव (सिफ्फकी) अपने दूसरे संस्करण में इस साल दिसंबर में 100 से ज्यादा फिल्मों के साथ एक बार फिर राजधानी दिल्ली में धूम मचाने को तैयार है। सप्ताह भर चलने वाले इस फिल्मोत्सव की शुरआत पांच दिसंबर से सिरी फोर्ट सभागार में होगी।
उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
नई दिल्ली में पहला 4 दिनी राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव होने जा रहा है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस जनजातीय मेले में पूरे देश से लगभग 1600 जनजातीय कलाकारों और 8000 जनजातीय प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
अरसे से बालू से तेल निकालने का मुहावरा अक्सर परिश्रम और तकनीक से असंभव को संभव करने वालों के लिए कहा-सुना, लिखा-पढ़ा जाता रहा है। करीब ढाई दशक पहले एक ऐसे कलाकार का उदय हुआ, जिसने बालू को लेकर नया मुहावरा गढ़ दिया। और अब बालू की बात आते ही बुद्धिजीवी, खास कर कला-प्रेमियों के मस्तिष्क में जो नाम कौंधता है वह है सात समंदर पार तक प्रख्यात रेत-कलाकार सुदर्शन पटनायक का।
रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
विख्यात लेखक रस्किन बांड ने आज कहा कि गायक-गीतकार बॉब डिलन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने का निर्णय सही नहीं है और यह उन सभी महान लेखकों का एक अपमान है जिन्हें यह पुरस्कार अभी तक मिला है।
अमेरिकी गीतकार बॉब डिलेन को इस साल का नोबेल साहित्य पुरस्कार दिया जाएगा। डिलेन यह प्रतिष्ठित सम्मान हासिल करने वाले पहले गीतकार हैं। इस घोषणा ने पुरस्कार पर नजर जमाए हुए लोगों को हैरान कर दिया है।
जागरण फिल्म महोत्सव का सातवां संस्करण मुंबई पहुंचेगा जहां इसकी शुरूआत 26 सितंबर को अत्यधित प्रशंसित फिल्म रोड टू इस्तांबुल से होगी। इस दौरान हाल की लोकप्रिय भारतीय फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा।
रिची मेहता की बेहद जीवंत और दिल को छू लेने वाली डॉक्यूमेंट्री इंडिया इन ए डे उन अनोखे नाम वाली फिल्मों में शुमार है जिन्हें 41वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया जाना है।