आरएसएस के एक बड़े नेता ने गोरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया कि गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है।
एक ओर जहां देश में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और बलात्कार जैसी घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ(आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार इन घटनाओं पर विवादित बयान देकर एक फिर चर्चा में आ गए हैं। उनका कहना है कि देश में पश्चिमी संस्कृति की वजह से बलात्कार और तीन तलाक जैसी घटनाएं होती हैं।
इनकम टैक्स के छापों पर चारों ओर से घिरे लालू प्रसाद यादव ने आज एक बार फिर सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा और आरएसएस के लोगों पर निशाना साधा है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोगों सुनो, मुझे धमकाने की कोशिश मत करो।
भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) दिल्ली इन दिनों एक सेमिनार को लेकर विवादों में है। 20 मई को होने वाले इस सेमिनार में पत्रकारिता के मौजूदा हालात पर चर्चा होगी। विवाद का मुद्दा यहां सेमिनार से पहले आईआईएमसी परिसर में होने वाला सामूहिक यज्ञ है। इसे लेकर छात्र समर्थन और विरोध में बंटे नजर आ रहे हैं।
कथित गोरक्षक की गुंडागर्दी को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। मोहन भागवत का कहना है कि गोकशी के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा गोरक्षा के उद्देेेेश्य को ही नुकसान पहुंचाती है। कानून का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ :आरएसएस: ने पश्चिम बंगाल में अपने संगठन को मजबूत करने और हिंदुओं को एकजुट करने के लिए भाजपा के सहयोग से राज्य भर में पांच अप्रैल को भव्य पैमाने पर रामनवमी का त्योहार मनाने की योजना बनाई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को टक्कर देने के लिए वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर ‘राष्ट्रीय कांग्रेस स्वयंसेवक संघ’ (आरसीएसएस) बनायेंगे।
देश के अगले राष्ट्रपति के लिए भाजपा की सहयोगी शिवसेना आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत का नाम आगे बढ़ाया है। शिवसेना ने एनडीए और पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि भारत को 'हिंदू राष्ट्र' बनाने के लिए भागवत को राष्ट्रपति बनाना बेहद ज़रूरी है।
उत्तर और मध्य भारत में अपनी पैंठ बनाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु समेत कोरोमंडल क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने पर जोर दे रहा है और इस संदर्भ में कार्य योजना और रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।