इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।
केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां गिनाने झारखंड पहुंचे भाजपा नेता एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा में आने की वजह कोई और नहीं बल्कि नेताओं का आदिवासी के घर पहुंचकर खाना बाहर से मंगवाकर खाना है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों अपने दौरे और लंच को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन उनके ऐसे कार्यक्रमों से विपक्षी दल उनकी तारीफ नहीं बल्कि किरकरी कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे के समय भोजन कराने वाली नक्सलबाड़ी निवासी गीता और उसके पति राजू ने आज तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हालांकि, भाजपा ने इस मामले में टीएमसी पर आदिवासी दंपती का अपहरण कर जबरन पार्टी में शामिल किए जाने का आरोप लगाया है।
साठ के दशक में बंगाल के जिस नक्सलबाड़ी इलाके से पनपा उग्र वामपंथ सोमवार को सीआरपीएफ के 25 जवानोंं की मौत का कारण बना, वहां आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक आदिवासी के घर खान खाते नजर आए।
अनुसूचित जनजाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष नंदकुमार साय ने आज कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों को आर्थिक और अन्य तरह का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इसे रोकने के लिए एक कानून लाना चाहिए और धर्मान्तरित आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाएं समाप्त की जानी चाहिए।