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भाई-भतीजावाद पर टिप्पणी मेरा आकलन थी, आपत्ति नहीं: कंगना

भाई-भतीजावाद पर टिप्पणी मेरा आकलन थी, आपत्ति नहीं: कंगना

फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद पर बहस की शुरूआत करने वाली बिंदास अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि करण जौहर के चैट शो में उन्होंने जो टिप्पणी की थी वह उनका आकलन थी और इसका यह मतलब कतई नहीं है कि उन्हें फिल्मी हस्तियों की संतानों के बॉलीवुड का हिस्सा बनने पर कोई एतराज है। यह बात कंगना ने मंगलवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कही।
भाई-भतीजावाद पर चर्चा नहीं कर सकता : अनुपम खेर

भाई-भतीजावाद पर चर्चा नहीं कर सकता : अनुपम खेर

जाने-माने अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि वह भार्ई-भतीजावाद से जुड़ी बहस पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं क्योंकि ऐसा करने पर यह संदेश जाएगा कि वह या तो करण जौहर का पक्ष ले रहे हैं या फिर कंगना रनौत का।
नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद रोकने के लिए कानून लाएगी केरल सरकार

नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद रोकने के लिए कानून लाएगी केरल सरकार

केरल की एलडीएफ सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति में भाई-भतीजावाद को रोकने के लिए एक कानून लाने का निर्णय लिया है। औद्योगिक विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कुछ नियुक्तियों को लेकर हुए विवाद के चलते यह निर्णय लिया गया है।
शरद पवार बोले, मोदी का जश्‍न होगा दूसरा ‘इंडिया शाइनिंग’

शरद पवार बोले, मोदी का जश्‍न होगा दूसरा ‘इंडिया शाइनिंग’

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने नरेन्द्र मोदी सरकार के दो साल पूरा होने पर आयोजित जश्न की तुलना 2004 की तत्कालीन राजग सरकार के विज्ञापन ‘इंडिया शाइनिंग’ से की। उन्होंने पहले की तरह इस बार भी कांग्रेस की सत्ता में वापसी का विश्वास जाहिर किया।
चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
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