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बीता साल और सितारा संतानें

बीता साल और सितारा संतानें

सन 2015 बीतने को है। इस साल कई फिल्मी सितारों के बच्चे ने अपने परिवार की अभिनय की विरासत को आगे बढ़ाते हुए बॉलीवुड में कदम रखा। इस लिहाज से यह साल नए अदाकारों का रहा।
समीक्षा - दिलवाले

समीक्षा - दिलवाले

दिलवाले सच में दिलवालों की फिल्म है। इतना झेलने के लिए बड़ा दिल चाहिए। काली बनाम राज (शाहरूख खान) और राज बनाम काली के बीच चलती इस फिल्म में मीरा (काजोल), वीर (वरुण धवन) और इशिता (श्रुति सेनन) हैं। गोवा में फिल्म शुरू होकर बुल्गारिया में फ्लैश बैक में पहुंच जाती है। फिर गोवा और हैप्पी एंडिंग।
जुनून का उत्सव गोवा फिल्मोत्सव

जुनून का उत्सव गोवा फिल्मोत्सव

गोवा फिल्म उत्सव की राह बेसब्री से देखी जाती है। पूरी दुनिया की बेहतरीन फिल्में, मंजे हुए निर्देशक, देश-विदेश के नामी कलाकारों के बीच सीखने को आतुर युवा, फिल्मी दुनिया में नाम कमाने की हसरत लिए हुए लेखक, अभिनेता भी यहां जुटते हैं। इस बार इस आउटलुक के लिए एक फिल्म निर्देशक के नजरिये से देश के सबसे बड़े फिल्म उत्सव का लेखा-जोखा।
अशक्तों का फिल्म समारोह

अशक्तों का फिल्म समारोह

देश में पहली बार अशक्त लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन को भारत सरकार का सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय करा रहा है।
मामी में होगा मूवी मेला

मामी में होगा मूवी मेला

मुख्यधारा के कलाकारों कंगना रणौत, राजकुमार राव, आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा ने 17वें जियो मामी मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में शिरकत करते हुए इस आयोजन के प्रति अपना समर्थन जताया। यह आयोजन स्वतंत्र फिल्मकारों को अपना काम दिखाने के लिए मंच उपलब्ध करवाता है।
दुलहनिया कर रही दिलवाले के लिए जतन

दुलहनिया कर रही दिलवाले के लिए जतन

दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे को आए कितने साल बीत गए। पूरे 20 साल जी। शाहरूख-काजोल की यह जोड़ी आज तक वहीं पर खड़ी है। जब भी दोनों की बात होती है इस फिल्म की चर्चा जरूरी होती है।
अपू त्रयी एशिया की शीर्ष फिल्मों में

अपू त्रयी एशिया की शीर्ष फिल्मों में

सत्यजीत रे की अपू त्रयी फिल्में एशिया की सर्वश्रेष्ठ पांच फिल्मों में शामिल की गई हैं। इसकी घोषणा आज यहां बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में की गई।
शाहरूख को यह क्या हुआ

शाहरूख को यह क्या हुआ

अपने सहकलाकारों के प्रति शाहरूख का प्रेम कम ही देखने को मिलता है। लेकिन आजकल वह अपने जूनियरों की खूब तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में सोनू सूद की तारीफ के बाद इस बार वरुण धवन का नंबर आया है। शारूख आजकल दूसरों की तारीफ में इतने व्यस्त हैं कि सभी को लग रहा है उन्हें अचानक क्या हुआ है।
झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
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