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जन्मदिन: किसानों का दर्द, गांधी होने के मायने और कलम की ताकत बतातीं 'दिनकर' की तीन कविताएं

जन्मदिन: किसानों का दर्द, गांधी होने के मायने और कलम की ताकत बतातीं 'दिनकर' की तीन कविताएं

रामधारी सिंह 'दिनकर' स्वतन्त्रता से पहले एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद...
साहित्य से जुड़ेगी रेल, लेकिन हादसों पर कब कसेगी नकेल?

साहित्य से जुड़ेगी रेल, लेकिन हादसों पर कब कसेगी नकेल?

सुरेश प्रभु ने सुझाव दिया है कि कुछ ट्रेनों के नाम साहित्यकारों के नाम पर रखे जाएं। इसमें न सिर्फ लेखक को, बल्कि वह जिस इलाके का है उसे भी तरजीह दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अगले साल से उर्दू में भी होगी नीट परीक्षा

सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अगले साल से उर्दू में भी होगी नीट परीक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को 2018-19 सत्र में नीट परीक्षा में उर्दू को भी एक भाषा के रूप में शामिल कि जाने को लेकर केंद्र को निर्देश जारी किया है। छात्रों ने नीट 2017-18 सत्र के लिए सुप्रीम कोर्ट में उर्दू को एक भाषा के रूप में लेने के लिए अर्जी दी थी, लेकिन 2017-18 सत्र में इसे शामिल नहीं किया जा सका।
अगले शैक्षणिक वर्ष से उर्दू में भी नीट संभव

अगले शैक्षणिक वर्ष से उर्दू में भी नीट संभव

केंद्र ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों की एकल प्रवेश परीक्षा नीट अगले शैक्षणिक वर्ष से उर्दू माध्यम में भी कराने के सुझाव पर विचार के लिए तैयार है।
अमिताव घोष को मुंबई में मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार

अमिताव घोष को मुंबई में मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार

अंग्रेजी के मशहूर भारतीय लेखक अमिताव घोष को मुंबई साहित्य उत्सव के टाटा लिटरेचर लाइव में लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 11 जुलाई,1956 को कोलकाता में जन्में और उम्र छह दशक पूरा करने वाले अमिताव घोष को न केवल इससे पूर्व विदेश में प्रिक्स मेडीसिस इंट्रांजर, आर्थर सी. क्लार्क अवार्ड से नवाजे गए, बल्कि उन्हें देश का प्रतिष्ठित पद्म श्री सम्मान भी प्राप्त हुआ है।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
बॉब डिलन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार सही निर्णय नहीं : बांड

बॉब डिलन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार सही निर्णय नहीं : बांड

विख्यात लेखक रस्किन बांड ने आज कहा कि गायक-गीतकार बॉब डिलन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने का निर्णय सही नहीं है और यह उन सभी महान लेखकों का एक अपमान है जिन्हें यह पुरस्कार अभी तक मिला है।
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