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ऋषिकेश में राफ्टिंग कैंपों की इजाजत नहींः एनजीटी

ऋषिकेश में राफ्टिंग कैंपों की इजाजत नहींः एनजीटी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आज उत्तराखंड में राफ्टिंग कैंपों को अनुमति देने के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई के बाद फिलहाल इसकी इजाजत नहीं दी है। एनजीटी वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करने वाली एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
चारा घोटालेबाजों के वकील बनेंगे गांधी स्मृति के निदेशक?

चारा घोटालेबाजों के वकील बनेंगे गांधी स्मृति के निदेशक?

दिल्ली स्थित गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति (जीएसडीएस) को जल्द ही अपना नया डायरेक्टर मिल सकता है। एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक अखबार की मानें तो केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाली इस स्वायत्त संस्‍था के निदेशक पद के लिए मोदी सरकार ने ‘योग्य’ उम्मीदवार का चयन कर लिया है।
केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

उत्तराखंड में जून 2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही के दौरान हजारों लोग कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर थे, बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे, सर्दी- बीमारी काल बन निगल रही थी, उस वक्त राहत के काम में जुटे राज्य सरकार के अधिकारी मटन, चिकन और बेहतरीन खाने का लुत्फ उठा रहे थे। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के जरिये हुए इस सनसनीखेज खुलासे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
बीफ वाले बयान से पलटे रिजिजू

बीफ वाले बयान से पलटे रिजिजू

गृह राज्‍यमंत्री किरन रिजिजू ने बीफ पर दिए अपने विवादित बयान से पल्‍ला झाड़ लिया है। उन्‍होंने कहा कि मीडिया में उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। रिजिजू ने कहा, 'मैंने तो बस इतना कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और किसी के ऊपर खानपान की आदत को थोपा नहीं जा सकता। जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं, वहां उनकी आस्था का सम्मान होना ही चाहिए।' इससे पहले खबरें आई थी कि उन्‍होंने मिजोरम में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि वह बीफ खाते हैं और इससे कोई उन्‍हें नहीं रोक सकता।
उपचुनाव: भाजपा का पत्ता साफ, राणे भी हारे

उपचुनाव: भाजपा का पत्ता साफ, राणे भी हारे

देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए उपचुनाव में भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा उपचुनाव में मुंबई उपनगर की बांद्रा (पूर्व) सीट से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे भी अपनी सीट नहीं बचा सके।
एक ही सिक्का संस्कृति का

एक ही सिक्का संस्कृति का

धर्म, आस्था, बाजार, स्त्री यौनिकता और संस्कृति- इन तमाम पहलुओं पर प्रतिगामी और प्रगतिशील सोच में टकराहट तेज हुई है। आक्रामकता, धर्मांधता, अंधविश्वास, बहुसंख्यकवाद और स्त्री विरोधी चेतना का क्रमश: बोलबाला हो रहा है।
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