महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन काम पर नहीं आने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को बुधवार शाम तक ड्यूटी पर आने या छह महीने का वेतन नहीं दिये जाने की चेतावनी दी गयी है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पाक में अल्पसंख्यक हिंदुओं की शादियों को लेकर बनाए गए नियमन के विधेयक को मंजूरी दे दी है। मंजूरी के बाद आज यह विधेयक कानून बन गया है और इसके लिए एक विशेष ‘पर्सनल लॉ' बनाया गया है।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की ओर से आज आयोजित एक बैठक में केंद्रीय और एकीकृत जीएसटी कानून को मंजूरी दे दी गई है। इस बैठक में जीएसटी के अन्य पूरक विधेयकों को भी अंतिम रूप दिया गया है।
संगठित क्षेत्र के कर्मचारी जल्दी ही 20 लाख रुपये तक के कर मुक्त ग्रेच्युटी के लिए पात्र होंगे। केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने श्रम मंत्रालय के साथ त्रिपक्षीय विचार-विमर्श में प्रस्ताव पर सहमति जतायी है। केंद्रीय ट्रेड यूनियन ग्रेच्युटी भुगतान कानून में प्रस्तावित संशोधन पर त्रिपक्षीय बैठक में अंतरिम उपाय के रूप में ग्रेच्युटी भुगतान की सीमा दोगुनी करने पर सहमत हो गए हैं।
लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राज्यसभा के रास्ते सांसद बनने पर रोक लगाने संबंधित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवालिया निशान उठाए हैं। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और विनोद गोयल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि कानून बनाना और उसमें बदलाव करना न्यायपालिका का काम नहीं है, इसके लिए सरकार को चुना जाता है। न्यायपालिका केवल इस बात की समीक्षा कर सकती है कि यह कानून देश के बुनियादी ढांचे व संविधान के अनुरूप बनाए गए हैं या नहीं।
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून के दायरे में लाकर उसके आतंकवाद से संबंध होने को मौन स्वीकृति दे दी है।
किसी भी सभ्य समाज में बंधुआ मजदूरी एक कलंक है। भारत में लंबे समय से यह बुराई कायम रही है और इस खत्म करने के सरकारों के तमाम दावों के बावजूद कई जगह यह अब भी बदस्तूर जारी है।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि बलात्कारियों को पहले जमकर पीटना चाहिए बाद में उनके घावों पर नमक और मिर्च रगड़ना चाहिए। बलात्कारियों पर एक आम आदमी अगर इस तरह की कठोर प्रतिक्रिया देता तो आवेशवश इसे एक हद तक सही समझा जा सकता था पर ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे एक मंत्री का ऐसा बयान देश के कानून पर सवारी कर रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में गौमांस उपभोग को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे दिल्ली उच्च न्यायालय से शहर की पुलिस ने कहा है कि पुलिस महज एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है और उसका किसी वैधानिक प्रावधान की संवैधानिक वैधता से कुछ लेना-देना नहीं है।