दुनिया में भारत दूसरा सबसे ज्यादा असमानता वाला देश है। भारत में कुल संपत्ति की आधी से अधिक सम्पत्ति ऐसे धनाढ्यों के हाथ में केंद्रित है जिनकी हैसियत दस लाख डॉलर (लगभग 6.7 करोड़ रुपए) से अधिक की है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है।
दुनिया के सबसे बड़े कम्युनिस्ट देश चीन के अरबपति वांग जियानलिन ने पूंजीवादी अमेरिका के समृद्धों को पीछे छोड़ दिया है। जियानलिन अकेले नहीं हैं, चीन में अरबपतियों की संख्या बढ़ती गई है। इसी तरह भारत के संपन्नतम मुकेश अंबानी भी ताजा अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में विश्व के संपन्न व्यक्तियों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। चीन और भारत में गरीबी और आर्थिक समस्याओं के बावजूद अरबपतियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।