राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के 19वें भारत रंग महोत्सव के फेस टु फेस कार्यक्रम में अब भी नाटक को पहला प्रेम मानने वाले बालीवुड अभिनेता मनोज वाजपेई ने स्वीकार किया कि नटवा नाटक के शीर्षक किरदार को कई बार करने की वजह से मेरे निजी जीवन में भी हाव-भाव महिलाओं की तरह हो गए थे। उन्होंने कहा कि इस चरित्र से बाहर आने में उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी। वह इतना हाबी था कि उससे बाहर आने के लिए न केवल कसरत करना पड़ी, जैसा कि मैने कहीं पढ़ा कि कमल हासन को भी ऐसा करना पड़ा था। बातचीत में उन्होंने बताया कि शूल फिल्म ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर के करेक्टर से बाहर आने में तो उन्हें मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना पड़ा था।
अमेरिका इस बात से निराश है कि हाल ही में एनएसजी की सियोल में हुई पूर्ण बैठक के दौरान भारत को उसकी सदस्यता नहीं दी गई। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने सोमवार को यह बात कही लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका भारत को 48 सदस्यीय इस समूह की सदस्यता दिलाने के लिए प्रयास जारी रखेगा।