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“ढाबा वाले बाबा” का नया रेस्टोरेंट हुआ बंद, वीडियो वायरल होने के बाद हुई थी चांदी; अब फिर से पुराने दिन में लौटे

“ढाबा वाले बाबा” का नया रेस्टोरेंट हुआ बंद, वीडियो वायरल होने के बाद हुई थी चांदी; अब फिर से पुराने दिन में लौटे

पिछले साल दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में “बाबा का ढाबा” चलाने वाले 81 साल के कांता...

"बाबा का ढाबा" फेमस करने वाले यूट्यूबर गौरव ने जारी किया बैंक डिटेल्स, कांता प्रसाद ने पैसे के हेर-फेर का लगाया आरोप

बीते दिनों दिल्ली के मालवीय नगर स्थिति कांता प्रसाद का “बाबा का ढाबा” काफी फेमस हो गया था।...
'बाबा का ढाबा': सोशल मीडिया पर बुजुर्ग दंपत्ति का वीडियो वायरल, बढ़े मदद के हाथ; आपने इनके खाने का स्वाद चखा क्या

'बाबा का ढाबा': सोशल मीडिया पर बुजुर्ग दंपत्ति का वीडियो वायरल, बढ़े मदद के हाथ; आपने इनके खाने का स्वाद चखा क्या

सोशल मीडिया पर बीते दिनों एक वीडियो दिल्ली का वायरल हुआ। इस वीडियो में 80 साल के एक बुजुर्ग दंपत्ति...
हरियाणाः महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की खबरें, पुलिस का इनकार

हरियाणाः महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की खबरें, पुलिस का इनकार

जब जाट आंदोलन से पूरा हरियाणा जल रहा था इसी दौरान सोमवार 22 फरवरी को सुबह मुरथल के पास नेशनल हाईवे-1 पर कुछ यात्रियों की कारों को रोका गया। आरोप है कि कार में बैठी महिलाओं को बाहर खींच कर सामूहिक बलात्कार किया गया। दैनिक ट्रिब्यून अखबार में छपी खबर के अनुसार कारों में से 10 महिलाओं को खींचकर खेतों में ले जाया गया। उनसे बलात्कार कर उन्हें खेतों में छोड़ दिया गया। अखबार के अनुसार ‘सम्मान की खातिर’ अब इनके परिवार वालों को चुप रहने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस बलात्कार की घटना को केवल अफवाह बता रही है।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
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