चौथी वरीयता प्राप्त शिव थापा (60 किलोग्राम) ने आज ताशकंद में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और शीर्ष वरीयता प्राप्त मंगोलियाई दोर्जनयामबुग ओटगोनडलाई को हराकर एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। हालांकि मिडिलवेट (75 किग्रा) में शीर्ष वरीय विकास कृष्ण को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने सेमीफाइनल में अपने चौथी वरीयता प्राप्त कोरियाई प्रतिद्वंद्वी ली डोंगयुन को वाकओवर दे दिया।
भारत ने अप्रैल-मई में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप के लिये कुछ स्थापित और दो नये मुक्केबाजों को टीम में जगह दी है लेकिन दो बार के पदक विजेता एल. देवेंद्रों सिंह इसमें स्थान नहीं बना पाये। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता शिव थापा (60 किग्रा) और विकास कृष्ण (75 किग्रा) के साथ पूर्व राष्ट्रमंडल चैंपियन मनोज कुमार (60 किग्रा) अपेक्षानुरूप 30 अप्रैल से सात मई के बीच उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाली चैंपियनशिप के लिये टीम में चुने गये। यह महाद्वीपीय चैंपियनशिप इस वर्ष के आखिर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिये क्वालीफाईंग प्रतियोगिता भी है।
भारत के तीन सदस्यीय मुक्केबाजी दल को शनिवार से यहां शुरू हो रही ओलंपिक की इस स्पर्धा में कड़ी चुनौती मिलेगी लेकिन उनका इरादा भारत में लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक अस्थिरता से त्रस्त हो चुके खेल का पुनरोत्थान करना है। शिव थापा (56 किलो), मनोज कुमार (64 किलो) और विकास कृष्ण (75 किलो) ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारतीय चुनौती पेश करेंगे।
ओलंपिक में पदार्पण के चार साल बाद भी भारत के ओलंपिक दल के सबसे युवा मुक्केबाज 22 बरस के शिव थापा को रियो में अपने बेहतर दमखम, स्टेमिना और परिपक्वता के आधार पर पदक जीतने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की नाराजगी से बचने के लिए भारतीय प्रशासकों ने नई प्रस्तावित राष्ट्रीय संस्था को भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) का नाम देने पर सहमत होकर संभवत: समझौता कर लिया है।