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बोडोलैंड शांति समझौते पर लगी मुहर, गांधी की पुण्यतिथि पर हथियारों सहित समर्पण करेंगे बोडो कैडर

बोडोलैंड शांति समझौते पर लगी मुहर, गांधी की पुण्यतिथि पर हथियारों सहित समर्पण करेंगे बोडो कैडर

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आज प्रतिबंधित संगठन, ‘नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ...
असम के कोकराझार मेंं आतंकी हमला, 14 की मौत

असम के कोकराझार मेंं आतंकी हमला, 14 की मौत

असम में बोडोलैंड के केंद्र कोकराझार में शुक्रवार को आतंकवादी हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। काले कपड़ेे पहने हमलावरों ने बाजार में जमकर फायरिंग और गोलाबारी की। हमले में 20 लोग घायल हुए हैं। हादसे में मरने वालों की संख्‍या और बढ़ सकती है।
असम में मतदान से दूर रहेंगे उग्रवादी

असम में मतदान से दूर रहेंगे उग्रवादी

असम विधानसभा चुनाव इस बार उग्रवाद के प्रभाव से मुक्त रहने की संभावना है। भले ही चुनाव प्रचार के दौरान उग्रवादी संगठन उम्मीदवारों को डरा-धमकाकर कुछ वसूलने का प्रयास करें या किसी हिंसक वारदात को अंजाम दें, लेकिन कोई भी उग्रवादी संगठन इस चुनाव को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है।
बंगाल और असम में असंतुष्टों का क्षोभ उमड़ा

बंगाल और असम में असंतुष्टों का क्षोभ उमड़ा

बंगाल और असम में विधानसभा सीटों पर गठबंधन कर रही पार्टियों के बीच आपसी खींचतान सड़क पर आने लगी है। पार्टियों में नाराज असंतुष्ट भी खुलकर रोष जताने लगे हैं। कोलकाता में नाराज माकपा कैडरों ने दो इलाकों में जोनल कमेटी के दफ्तरों समेत 40 कार्यालयों पर ताला जड़ दिया। असंतोष थामने की कोशिश में राजनीतिक दलों के शीर्षस्थ नेताओं के पसीने छूटने लगे हैं। बंगाल में वाममोर्चा और कांग्रेस के बीच सीट समझौते को लेकर असंतुष्ट माकपा कैडर सड़क पर उतरने लगे हैं। अनुशासित मानी जाने वाली माकपा के कोलकाता स्थित मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन का दौर-दौरा शुरू हो गया है। इसी तरह असम में भाजपा, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ता खुलकर असंतोष जताने लगे हैं।
गठजोड़ ही भाजपा की गांठ न बन जाए

गठजोड़ ही भाजपा की गांठ न बन जाए

असम विधानसभा की 126 सीटों के लिए चुनाव चार और ग्यारह अप्रैल को होना है लेकिन चुनावी तस्वीर साफ नहीं है। किसी भी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में हवा नहीं है। अंतिम क्षण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असम गण परिषद (अगप) के साथ गठबंधन किया है, जबकि हाग्रामा मोहिलारी नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसका गठबंधन पहले से है।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

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पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
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