शुरू में ममता बनर्जी ने योजना बनाई थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्ता भर के लिए दीघा जाएंगी। समुद्र के किनारे छुट्टियां बिताएंगी। मतगणना होने तक वहीं से शासन चलाएंगी। लेकिन आखिरी वक्त में योजना बदल दी। वे कूचबिहार के चालसा के रिसोर्ट चली गईं। वहां से गुरुवार को बंगाल में आखिरी चरण के मतदान के दौरान राजनीतिक रूप से दांव पर लगी सीटों पर व्यक्तिगत रूप से खोज-खबर लेती रहीं। खासकर, उनकी नजर कूचबिहार की नौ और पूर्व मेदिनीपुर की 16 सीटों पर रहीं। इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है।
दो चरणों के चुनाव के बाद बंगाल में राजनीतिक हिंसा और विरोधियों को उनके घरों से खदेड़ने का अभियान शुरू हो गया है। बर्दवान, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और उत्तर 24 परगना जिलों के सौ से अधिक गांवों से हिंसा की खबरें आई हैं। राजनीतिक दलों के कैडरों-कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले, तोड़फोड़, आगजनी के दावे-प्रतिदावे होने लगे हैं। हंगामों में अब तक विभिन्न जिलों से 15 हजार लोगों के खदेड़े जाने और बेघर कर दिए जाने की खबर है।