मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश को गलत बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि इस आदेश को जल्द वापस लिया जाए क्योंकि यह आदेश आदिवासियों के हक में नहीं है।