लंदन ओलंपिक से पहले जिस तरह का ड्रामा हुआ था, उसे रियो ओलंपिक से पहले भी दोहराया गया। पेस और उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना के बीच मतभेदों की खबरें यहां भी सुर्खियों में है। बोपन्ना ने पेस की बजाय पहले निचली रैंकिंग वाले साकेत माइनेनी के साथ खेलने की इच्छा जताई थी लेकिन अखिल भारतीय टेनिस संघ के दखल देने के बाद वह राजी हुए। ऐसी खबरें हैं कि पेस ने खेलगांव में उनके साथ एक कमरे में रहने से इनकार कर दिया। लगातार सातवां ओलंपिक खेल रहे पेस उदघाटन समारोह से एक दिन पहले खेलगांव पहुंचे। वह देर से पहुंचे और उनके लिये कोई कमरा नहीं था। बाद में उन्हें गुरूवार की शाम कमरा दिया गया। भारत के दल प्रमुख राकेश गुप्ता ने स्पष्ट किया कि पेस अकेले ही रहने वाले थे।
उन्होंने कहा , पेस को कमरा दे दिया गया है और इसमें कोई विवाद नहीं है। उनके जैसे लीजैंड को अलग कमरा मिलना ही चाहिये। पेस के देर से आने के कारण बोपन्ना ने सर्बिया के नेनाद जिमोंजिच के साथ अभ्यास किया। उन्होंने सानिया मिर्जा के साथ भी अभ्यास किया जबकि विरोधी टीम में कोच जीशान अली और पहली बार ओलंपिक खेल रही महिला युगल खिलाड़ी प्रार्थना थोंबरे थी। भारत के लिये पेस ने अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था लेकिन उसके बाद से टेनिस में भारत की झोली खाली रही। पेस और बोपन्ना साथ में अभ्यास नहीं कर सके हैं। दोनों ने आखिरी बार पिछले महीने चंडीगढ में कोरिया के खिलाफ डेविस कप खेला था। दोनों की खेलने की शैली भी अलग है। पहले दौर में शनिवार को उनका सामना पोलैंड के मार्सिन मैटकोवस्की और लुकास कुबोट से होगा। पेस युगल रैंकिंग में शीर्ष 50 से खिसक गए हैं जबकि भारतीय युगल टीम की रैंकिंग 15 है। मिश्रित युगल में भारत को पदक की उम्मीद है। महिला युगल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी सानिया और प्रार्थना पहले दौर में चीन की पेंग शुआइ और शुआइ से खेलेंगी।
एजेंसी