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पाक को 6-2 से हरा भारत ने जीता जूनियर एशिया कप

हरमनप्रीत सिंह के एक हैट्रिक सहित चार गोलों के दम पर भारत ने जूनियर एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 6-2 से करारी मात देते हुए ख़िताब अपने नाम कर लिया। भारत ने यह खिताब दूसरी बार जीता है।
पाक को 6-2 से हरा भारत ने जीता जूनियर एशिया कप

ड्रैग फ्लीकर हरमनप्रीत ने फिर से भारत की जीत में एक अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 10वें, 15वें, 30वें और 53वें मिनट में कुल चार गोल किए। उनके अलावा अरमान कुरैशी और मनप्रीत जूनियर ने एक-एक गोल किए। मैच में पाकिस्तान की टीम सिर्फ दो गोल ही कर पाई। पाकिस्तान की तरफ से मोहम्मद याकूब और मोहम्मद दिलबर ने भारत के विरुद्ध एक-एक गोल किया।

 

हरमनप्रीत ने इस पूरे टूर्नामेंट में कुल 15 गोल किए जिसके लिए उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत के गोलकीपर विकास दहिया को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर और हरजीत सिंह को फाइनल का मैन ऑफ द मैच चुना गया। भारत ने इस टूर्नामेंट में अपने सभी मैच जीते। भारत ने कल सेमीफाइनल में जापान को 6-। से रौंदा था और आज शुरू से ही पाकिस्तान पर दबाव बनाकर फिर से बड़ी जीत दर्ज की। भारतीय टीम शुरू में हावी हो गई जिसका उसे जल्द ही फायदा मिला। भारत को दसवें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला जिसे हरमनप्रीत ने बड़ी खूबसूरती से गोल में बदला। इसके पांच मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले जिनमें से दूसरे पर इस युवा ड्रैग फ्लिकर ने गोल करके स्कोर 2-0 कर दिया। पाकिस्तानी टीम इससे दबाव में आ गई जिससे वह आखिर तक नहीं उबर पाई। याकूब ने 28वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल करके पाकिस्तान की वापसी की संभावना जगाई लेकिन भारत ने जवाबी हमले में फिर से पेनल्टी कार्नर हासिल कर लिया। हरमनप्रीत ने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की जिससे भारत मध्यांतर तक 3-। से आगे रहा।

 

मध्यांतर के बाद भी गेंद अधिकतर समय पाकिस्तानी पाले में ही घूमती रही। इस बीच भारतीय स्ट्राइकरों ने लगातार प्रतिद्वंद्वी रक्षकों को दबाव में रखा। अरमान कुरैशी ने इसका फायदा उठाकर 44वें मिनट में मैदानी गोल किया जबकि इसके छह मिनट बाद मनप्रीत जूनियर ने एक और मैदानी गोल दागकर भारत की बड़ी जीत सुनिश्चित कर दी। भारतीयों के सामने पाकिस्तानी टीम पूरी तरह से असहाय नजर आ रही थी। जल्द ही भारत को एक और पेनल्टी कार्नर मिला और हरमनप्रीत ने उस पर मैच का अपना चौथा और कुल 14वां गोल कर दिया। जीत तय होने के कारण अंतिम क्षणों में भारतीय टीम ने कुछ ढिलायी बरती जिससे दिलबर मैदानी गोल करने में सफल रहे लेकिन इससे सिर्फ हार का अंतर ही कम हो पाया।

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