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कुणाल कामरा को मिली राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक; 'गद्दार' टिप्पणी पर एफआईआर पर फैसला सुरक्षित

हास्य कलाकार कुणाल कामरा द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित मानहानिपूर्ण...
कुणाल कामरा को मिली राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक; 'गद्दार' टिप्पणी पर एफआईआर पर फैसला सुरक्षित

हास्य कलाकार कुणाल कामरा द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित मानहानिपूर्ण टिप्पणी के मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को एफआईआर रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कामरा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी दी गई है।

न्यायमूर्ति एस. कोतवाल और न्यायमूर्ति एस. मोडक की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा और निर्देश दिया कि अगला आदेश आने तक मुंबई पुलिस कुणाल कामरा को गिरफ्तार नहीं करेगी। उल्लेखनीय है कि खार पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप था कि उन्होंने एक शो के दौरान उपमुख्यमंत्री शिंदे को “गद्दार” कहा था।

स्टैंड-अप शो से उठा विवाद

यह पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब रविवार को मुंबई के खार इलाके के यूनिकॉन्टिनेंटल होटल स्थित हैबिटेट कॉमेडी क्लब में हुए एक शो में कुणाल कामरा ने उपमुख्यमंत्री शिंदे के राजनीतिक जीवन पर कटाक्ष किया। 36 वर्षीय कॉमेडियन ने न सिर्फ शिंदे को “गद्दार” कहा, बल्कि 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनके विद्रोह की तुलना करते हुए फिल्म दिल तो पागल है के एक प्रसिद्ध गीत का परिवर्तित संस्करण गाया।

शो के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने हैबिटेट कॉमेडी क्लब और होटल परिसर में कथित तौर पर तोड़फोड़ की। अगले ही दिन पुलिस ने इस मामले में शिवसेना के युवा नेता राहुल एन. कनाल समेत 11 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। हालांकि, उसी दिन एक स्थानीय अदालत ने सभी को जमानत दे दी।

बुकमायशो ने हटाया कामरा का नाम, टिकट बिक्री रोकी

इस विवाद का असर कामरा के पेशेवर जीवन पर भी पड़ा। लोकप्रिय ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म बुकमायशो ने शनिवार को कुणाल कामरा से संबंधित सभी शो और सामग्री को अपनी वेबसाइट से हटा दिया। साथ ही, उन्हें अपनी कलाकार सूची से भी हटा दिया गया।

यह कदम शिवसेना नेता राहुल कनाल द्वारा लिखे गए एक पत्र के बाद उठाया गया, जिसमें उन्होंने बुकमायशो से अनुरोध किया था कि कामरा को मंच न दिया जाए। पत्र में उन्होंने लिखा कि कामरा की "विवादास्पद और विभाजनकारी बयानबाजी" से सार्वजनिक भावना आहत हो रही है और यह मुंबई जैसे विविधता भरे शहर में सामाजिक शांति के लिए खतरा हो सकती है।

कामरा का जवाब: “माफी नहीं मांगूंगा”

इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट में कहा कि वह किसी भी तरह की माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने लिखा, “मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैं इस भीड़ से नहीं डरता।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी कुछ वैसी ही थी जैसी "अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के बारे में कही थी।"

कामरा ने यह स्पष्ट किया कि एक मंच केवल एक स्थान होता है, जो किसी कलाकार के विचारों का प्रतिनिधि नहीं होता। उन्होंने लिखा, “हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी बातों या प्रस्तुति के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। न ही किसी राजनीतिक दल को इसका नियंत्रण है।”

“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक है”: कामरा

कामरा ने कहा कि “राजनेताओं द्वारा धमकाए जाने” के बावजूद वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने लिखा, “जहां तक मुझे पता है, नेताओं और राजनीतिक तंत्र का मज़ाक उड़ाना गैरकानूनी नहीं है। अपने खिलाफ दर्ज किसी भी कानूनी प्रक्रिया में पुलिस और अदालत का पूरा सहयोग करूंगा।"

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