Advertisement

भारत में एड्स के नए मामलों में 20 फीसदी कमी

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत वर्ष 2000 और 2014 के बीच एचआईवी संक्रमण के नए मामलों में 20 प्रतिशत से ज्यादा की कमी लाकर इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने में सफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस संबंध में जारी की गई एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विश्व वर्ष 2030 तक एड्स की महामारी को खत्म करने की दिशा में अग्रसर है।
भारत में एड्स के नए मामलों में 20 फीसदी कमी

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एचआईवी के प्रसार को रोकने के लिए जो लक्ष्य सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों के तहत निर्धारित किए गए थे, विश्व ने उनसे कहीं आगे के लक्ष्य हासिल किए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि एचआईवी के नए संक्रमणों में 35 प्रतिशत की और एड्स से जुड़ी मौतों में 41 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं एचआईवी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया के चलते वर्ष 2000 के बाद से अब नए संक्रमण के 3 करोड़ और एड्स से जुड़ी मौतों के लगभग 80 लाख मामलों पर रोक लगाई जा सकी। यह रिपोर्ट यूएनएड्स द्वारा मंगलवार को अदीस अबाबा में जारी की गई। रिपोर्ट जारी किए जाने के इस मौके पर संयुक्त  राष्ट्र  महासचिव बान की-मून ने कहा, संयुक्त राष्ट्र  के लिए सफलता का पैमाना यह नहीं है कि हमने वादा क्या किया? हमारे लिए सफलता का पैमाना तो यह है कि हमने बेहद जरूरतमंद लोगों को दिया क्या? जहां तक एड्स महामारी पर रोक लगाने और इसे पछाड़ने की बात है, तो विश्व ने यह करके दिखाया है।

बान ने कहा कि यदि 1.5 करोड़ एचआईवी का उपचार करवा रहे हैं तो इसका यह अर्थ है कि विश्व एड्स मुक्त पीढ़ी की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसका यह भी अर्थ है कि एचआईवी से संक्रमित सभी गर्भवती महिलाओं में से लगभग 75 प्रतिशत महिलाओं की पहुंच एंटीरेटोवायरल दवाओं तक है। ये दवाएं उनके अपने जीवन की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ उनके बच्चों को भी एचआईवी से मुक्त रखती हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad